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वीडियो सुने: जब भी बीजेपी की चुनाव में हार होती है या उनका राजनीतिक अस्तित्व खतरे में आ जाता है-कांग्रेस

नई दिल्ली/ अजीत सिन्हा
त्रिपुरा के इंचार्ज डॉ. अजय कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज की प्रेस वार्ता राजनीतिक हिंसा पर है। अभी-अभी ढाई बजे सलमान खुर्शीद के नेतृत्व में, जिसके सदस्य थे पवन , मैं और मोहम्मद खान , हम लोगों ने मुलाकात की चीफ इलेक्शन कमिश्नर और इलेक्शन कमीशन के पदाधिकारी के साथ। जब भी भारतीय जनता पार्टी की चुनाव में हार होती है या उनका राजनीतिक अस्तित्व खतरे में आ जाता है, तो भारतीय जनता पार्टी की एक ही स्टैंडर्ड डिफॉल्ट मोड है, वो है हिंसा और इसका जीता जागता उदाहरण जो है, त्रिपुरा में है। मैं अभी-अभी त्रिपुरा से लौट कर आया हूं और जिस तरह से वहाँ बीजेपी ने सभी दलों के साथ जिस तरह से उन्होंने आक्रमण किया, हमला कर रहे हैं, उसके बारे में हम आपको विस्तार से बताएंगे और इसके बाद प्रेस रिलीज में भी घटना की जानकारी आपको विस्तृत रूप से दी जाएगी।एक चीज बीजेपी जो है, अपनों को भी नहीं छोड़ती है। उनके एक्स डिप्टी चीफ मिनिस्टर थे, 

जब पार्टी छोड़कर गए, तो उत्तर प्रदेश में उन्होंने उनकी भी पिटाई करने की कोशिश की, ये भारतीय जनता पार्टी के डीएनए में है कि मारना है, जो भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है, उनके ऊपर हिंसा करनी है। यदि, हम तो ये नहीं चाहते हैं, लेकिन जिस तरह से भारतीय जनता पार्टी के जो अपराधी के ऊपर मापदंड हैं, बुल्डोज करना, थाने में बेरहमी से पीटना, घुटने के नीचे गोली लगना, गलती से घुटने के ऊपर भी गोली लग सकती है, वो मापदंड अगर अपराधियों के ऊपर लगाएंगे, तो त्रिपुरा से लेकर पूरे भारत में एबीवीपी और बीजेपी के कार्यकर्ता के ऊपर जो कार्रवाई होनी चाहिए थी, वो नहीं हो रही है।हम ये नहीं कह रहे हैं कि बुल्डोजर चलाइए, हम ये नहीं कह रहे हैं कि गोली मारिए, पर भारतीय जनता पार्टी शासित प्रदेश में हम न्याय तो मांग रहे हैं कि आप कार्यवाई तो कीजिए। एफआईआर कीजिए, गिरफ्तारी कीजिए।त्रिपुरा में हमारे कार्यालय पर तीन बार इन्होंने हमला किया। काफी कार्यकाल को उन्होंने जला दिया। लगातार अखबार में ये न्यूज छपती रही है।

लेकिन मोदी और अमित शाह एकदम चुप हैं। तो दो ही कारण हो सकते हैं – या तो मोदी , अमित शाह बोलने से डरते हैं या इनके निर्देश के आधार पर ये सब हो रहा है, जो घटनाएं देश में चल रही हैं।त्रिपुरा के बारे में विस्तार से आपको थोड़ा से बताना चाहेंगे। लेकिन आप लोग याद कर लीजिएगा कि पिछले 8 साल में इस तरह की राजनीतिक हिंसा इस देश में कभी नहीं हुई। बीजेपी को अपना नाम बदल कर भारत जलाओ पार्टी करने की आवश्यकता है अब, य़ा भारतीय गुंडा पार्टी। हम उनको च्वाइस देते हैं, भारत जलाओ पार्टी या भारतीय गुंडा पार्टी। क्योंकि जिस तरह से ये लगातार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के ऊपर हमले कर रहे हैं, वो सचमुच में चिंताजनक है।मैं एक विचित्र घटना आपको बताना चाहूंगा। दो दिन पहले हम एयरपोर्ट पर थे और एक आरएसएस के सांसद, त्रिपुरा से संबंध रखते हैं। एयरपोर्ट की लोबी में हमें बोलते हैं कि हिंसा आप लोग करते हैं। मैंने कहा आप लोगों के भी दिमाग की स्थिति विचित्र है। हमारे कार्यालय में तीन बार घटना घटी है, हम ही अपने कार्यालय में पिटाई करा रहे हैं, घायल हम ही हो रहे हैं, लेकिन हम हमला कर रहे हैं। ये मार्वल कॉमिक्स का कोई नया एडिशन है, स्पाइडर टाइप्स मैन बीजेपी। हमारे कार्यालय में आते हैं, हम नहीं जा रहे हैं, तीनों बार, लेकिन हम हमला कर रहे हैं। घायल हम हो रहे हैं, ये आरएसएस वाले बोल सकते हैं और किसी की क्षमता नहीं है इस तरह की कहानी रचने की।मैं आपको एक फोटो दिखाना चाहूंगा, क्योंकि इस फोटो से आप समझ सकते हैं। ये हमारे स्टेट प्रेजिडेंट है, मिस्टर बीरजीत सिन्हा। एक्स मिनिस्टर, एक्स एमएलए, पीसीसी कार्यालय में इनका सिर फोड़ दिया जाता है। एक और फोटो है – मैं इसलिए दिखा रहा हूं क्योंकि जब तक आप फोटो नहीं देखेंगे, तब तक आप देख नहीं पाएंगे कि किस तरह से ये लोग हमला करते हैं। ये हमारे स्टेट प्रेजिडेंट है, छोटे-मोटे नहीं हैं, एक्स मिनिस्टर, एक्स एमएलए, त्रिपुरा के बहुत बड़े नेता हैं। 70 साल के आस-पास उनकी उम्र है।  वो किसी को नहीं छोड़ते हैं। ये भारतीय जनता पार्टी की पुरानी आदत है।अब अगर त्रिपुरा में हमारे कैंडिडेट सुदीप रॉय बर्मन जी, जो अगरतला से जीत कर आए थे। चुनाव से एक दिन पहले उन पर जानलेवा हमला होता है, अस्पताल में भर्ती होते हैं, उनके तीन दांत तोड़ दिए जाते हैं, जबड़ा भी तोड़ दिया जाता है। एक सर्जरी हुई थी, उसके बावजूद भी चुनाव प्रचार में वो दूसरे दिन आए। लगातार हमारे कार्यालय को जला दिया गया। उसकी सूची भी आपको उपलब्ध कराएंगे और सिर्फ कांग्रेस नहीं, कम्युनिस्ट पार्टी के सेक्रेटरी, जो स्टेट के इंचार्ज हैं, जितेन्द्र चौधरी, उनके ऊपर हमला हुआ।अजीब बात ये है कि मोदी जी जर्मनी में बोलते हैं कि भारत लोकतंत्र की जमीन है। लेकिन भारत में मोदी जी लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं और जैसे जयराम रमेश जी ने हमेशा कहा है कि झूठ के जगत गुरु, नरेन्द्र मोदी जर्मनी में भी झूठ बोल रहे हैं। जर्मनी में भी झूठ बोलने लगे। जिस दिन हमला हुआ, उसी दिन वो जाकर ये भाषण दे रहे थे।त्रिपुरा में वर्तमान में एक लड़का अस्पताल में भर्ती हुआ है। जिसको छुरे से उसके लंग्स को पंक्चर किया गया है, मोहित नाम का लड़का है। उसके अलावा एक त्रिपुरा पुलिस का एक जवान है, वो गया था सादी ड्रेस में वोट देने के लिए। त्रिपुरा पुलिस के जवान को भी बीजेपी ने नहीं छोड़ा। उसको भी छुरा घोंप दिया। त्रिपुरा पुलिस, वो बोलता रहा कि मैं पुलिस वाला हूं, पुलिस वाला हूं, लेकिन नहीं। आपको मालूम है कि एक पुरानी कहावत है कि सैंया भये कोतवाल, अब डर काहे का। क्योंकि पुलिस इनके हाथ में है, प्रशासन इनके हाथ में है, तो हर तरह की गुंडागर्दी ये लोग कर सकते हैं।देश भर में आपको याद दिलाना चाहूंगा कुछ घटनाएं, लखीमपुर खीरी को आप याद कर लीजिए। किस तरह आशीष मिश्रा ने जीप के माध्यम से लोगों को रौंद दिया था। वही फोटो टीवी पर चल रही थी, मूछ मरोड़ते हुए चल रहा है देश में, आपको याद होगा आशीष मिश्रा। आशीष मिश्रा वही व्यक्ति हैं, जिसने किसानों के ऊपर अपनी थार जीप चढ़ा दी थी। जहांगीरपुरी में भारतीय जनता पार्टी ने सुनिश्चित कर दिया था कि उनके नेता लोगों ने खड़े होकर दंगे कराए। जेएनयू में अखिल भारतीय विध्वंस पार्टी, एबीवीपी ने महिलाओं की पिटाई की, आपको याद होगा। एबीवीपी का फुल फॉर्म को आपको स्पष्ट रुप से बता देता हूं, अखिल भारतीय विध्वंस पार्टी है। महिला को भी नहीं छोड़ा।तो जितनी भी हिंसक घटनाएं बीजेपी के द्वारा गई हैं, एआईसीसी के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से आपको विस्तार से आपको बता देंगे, लेकिन उसमें कुछ मैं बताना चाहूंगा। मुंबई में एनसीपी के कुछ कार्यकर्ता ने सिर्फ एक पिटीशन स्मृति ईरानी को देने की कोशिश की, उनकी पिटाई कर दी, उसमें महिला भी शामिल थी। ये 17 मई, 2022 की बात है। बालगंधर्व ऑडिटोरियम में एनसीपी की महिला विंग के कार्यकर्ता की पिटाई कर दी बीजेपी ने। वो सिर्फ दरख्वास्त देना चाह रहे थे कि गैस के दाम बढ़ गए हैं, सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं। उस पर उनकी पिटाई कर दी। गोरखपुर में स्वामी प्रसाद मौर्य जी, जो उनकी पार्टी छोड़ कर चले गए, उनके ऊपर लाठी और पत्थर से हमला हुआ। अगरतला, उदयपुर जिला में कम्युनिस्ट पार्टी के 10 लोगों के घर को जला दिया। हैदराबाद में टीआरएस वर्कर एक कार्यक्रम से लौट रहे थे तो बीजेपी वालों ने उन पर हमला करके जमकर पिटाई की। कर्नाटक की ये घटना तो क्या बताएं, वहाँ तो इनके आरएसएस के पुराने कार्यकर्ता मुतालिक जी जो पब में घुस कर अगर आप वेस्टर्न ड्रेस में हैं, तो आपकी पिटाई हो सकती है। कर्नाटक के बारे में जितना बोलें, वो कम है। बसंत गढ़, जम्मू-कश्मीर में पैंथर्स पार्टी के लोगों के सात बीजेपी कार्यकर्ता ने हमला करके उनको बुरी तरह से मारा।तो ये सिर्फ कुछ घटनाएं हैं। लेकिन देशभर में हिंसा के माध्यम से अपने पॉलिटिकल अपोनेंस को दबाने की जो कोशिश बीजेपी कर रही है, वो सचमुच में चिंताजनक है। आज हमने इलेक्शन कमीशन, चीफ इलेक्शन कमिश्नर को ये भी बताया कि जिस तरह से ये लोग लगातार हमला सिर्फ त्रिपुरा में नहीं, बाकी पूरे देश में कर रहे हैं, वो लोग भी चिंतित है। लेकिन आपके माध्यम से देश की जनता को ये बात पहुंचानी की हमारी कोशिश है कि सिर्फ पिछले 8 साल में इस तरह का ऑर्गेनाइज्ड पॉलिटिकल वायलेंस जिसमें देश के सर्वोच्च पद पर बैठे हुए दो व्यक्ति, उनके संरक्षण में ये हो रहा है। पूरी तरह से पॉलीटिकल प्रोटेक्शन है।अंत में हम बताना चाहेंगे कि न्याय की बात क्या करेंगे, आज इलेक्शन कमीशन से बात की तो उन्होंने स्टेट से रिपोर्ट मांगी, स्टेट में कहा कि हमने इस संदर्भ में 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया, तो इलेक्शन कमीशन बड़े खुश थे। वो 6 लोग तो हमारे ही लोग थे, जो हमारे ऑफिस में बैठे थे, जिन्होंने पिटाई भी खाई थी। ये है देश की कानून व्यवस्था। एफआईआर दर्ज करने वाले लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर रही है त्रिपुरा में और देश में।

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