अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
गुरुग्राम:सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित जी की पावन छत्रछाया में ‘अमृत प्रोजेक्ट’ के अंतर्गत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ परियोजना के दूसरे चरण का शुभारम्भ यमुना नदी के छठ घाट, आईटीओ, दिल्ली से रविवार को किया गया। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की शिक्षाओं से प्रेरित यह परियोजना समस्त भारतवर्ष के 27 राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के 1533 से अधिक स्थानों पर 11 लाख से भी अधिक स्वंयसेवकों के सहयोग से एक साथ विशाल रूप में आयोजित की गई। सतगुरु माता जी ने ‘प्रोजेक्ट अमृत’ के दूसरे चरण का आरम्भ करते हुए इस अवसर पर अपने आर्शीवचनों में फरमाया कि हमारे जीवन में जल का बहुत महत्व है और यह अमृत समान है। जल हमारे जीवन का मूल आधार है। परमात्मा ने हमें यह जो स्वच्छ एवं सुंदर सृष्टि दी है, इस की देखभाल करना हमारा कर्तव्य है। मानव रूप में हमने ही इस अमूल्य धरोहर का दुरुपयोग करते हुए इसे प्रदूषित किया है। हमें प्रकृति को उसके मूल स्वरूप में रखते हुए उसकी स्वच्छता करनी होगी। हमें केवल शब्दों से नहीं बल्कि अपने कर्मो से सभी को प्रेरित करना है। कण-कण में व्याप्त परमात्मा से जब हमारा नाता जुड़ता है,
जब हम इसका आधार लेते है तब हम इसकी रचना के हर स्वरूप से प्रेम करने लगते है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि जब हम इस संसार से जायें तो इस धरा को ओर अधिक सुंदर रूप में छोड़कर जायें। इस अवसर पर निरंकारी राजपिता रमित जी ने सतगुरु माता जी से पूर्व अपने संबोधन में कहा कि बाबा हरदेव सिंह जी ने अपने जीवन से हमें यही प्रेरणा दी कि सेवा की भावना निष्काम रूप में होनी चाहिए, किसी प्रशंसा की चाह में न हो। हमें सेवा करते हुए उसके प्रदर्शन का शोर करने की बजाय उसकी मूल भावना पर केन्द्रित रहना चाहिए। हमारा प्रयास स्वयं को बदलने का होना चाहिए क्योंकि हमारे आंतरिक बदलाव से ही समाज एवं दुनिया में परिवर्तन आ सकता है। एक स्वच्छ और निर्मल मन से ही सात्विक परिवर्तन का आरम्भ होता है।गुरुग्राम जिले में रविवार को लेजर वैली, दमदमा झील और कासन तालाब में सफाई की गई। यहां स्वयंसेवकों ने पूरे उत्साह के साथ सभी प्रकार की सेवाओं को तत्परता से किया। कासन गांव में गुरुग्राम की संयोजक निर्मल मनचंदा जी ने स्वयं उपस्थित होकर आशीर्वाद प्रदान किया। यहां तालाब की सफाई के साथ पौधारोपण भी किया गया। दमदमा झील में पालम विहार के मुखी पीसी स्नेही ने दमदमा गांव के सरपंच नरेंद्र खटाना, मारुति कुंज आरडब्ल्यूए प्रधान अजीत तंवर की उपस्थिति में सेवा प्रारंभ की। यहां पालम विहार, बसई रोड, घामडोज और सोहना के सेवादारों ने सफाई की। निरंकारी बाबा गुरबचन सिंह मेमोरियल कॉलेज सोहना के बच्चों ने भी यहां बढ़-चढ़कर भाग लिया। यहां झील की सफाई के साथ कूड़ा भी उठवाया गया।प्रारंभ होने से पूर्व मध्य रात्रि में ही सेवाएं प्रारंभ कर दी गई। जहां जरूरत अनुसार हर प्रकार की आवश्यक सेवाएं निरंकारी सेवादल द्वारा की गई। विशाल संख्या में उपस्थित धावकों को मैराथन के दौरान मुख्य स्थल और मार्ग पर निरंकारी साध संगत के सदस्य सेवादारों ने स्वच्छ एवं शीतल पेय आदि पिलाने, वितरण करने और सफाई आदि के साथ हर प्रकार की उपलब्ध सेवाएं की। यहां मुख्य मंच से प्रोजेक्ट अमृत ‘स्वच्छ जल, स्वच्छ मन’ के संदेश भी प्रसारित होते रहे ताकि हर कोई इस अमृत रूपी जल का संरक्षण करे। बड़ी संख्या में निरंकारी श्रद्धालु-भक्त हाजिर होकर मर्यादा और अनुशासन से, प्यार और नम्रता से, निष्ठा एवं निष्काम भाव से दौड़-दौड़ कर सेवाएं करके सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज और प्रभु परमात्मा-निरंकार के आशीर्वाद के पात्र बने।संत निरंकारी मिशन की सामाजिक शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में बाबा हरदेव सिंह जी की अनंत सिखलाईयों से प्रेरणा लेते हुए ‘प्रोजेक्ट अमृत’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के समापन पर सम्मिलित हुए अतिथि गणों ने मिशन की भूरी-भूरी प्रशंसा की और साथ ही सतगुरु माता जी का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मिशन ने जल संरक्षण एवं जल स्वच्छता की इस कल्याणकारी परियोजना के माध्यम से निश्चित ही प्रकृति संरक्षण हेतु एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।