अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली:दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा के माध्यम से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 3 सवाल किए। उन्होंने कहा कि हमने भाजपा के सभी सवालों का जवाब दिया अब पीएम मोदी और जेपी नड्डा की बारी है, वह तीन घोटालों पर देश को सवालों का जवाब दें। दूध-दही जैसी चीजों पर जीएसटी लगाकर मोदी जी के दोस्तों के लाखों-करोड़ों के कर्ज क्यों माफ किए गए? इसकी सीबीआई जांच क्यों नहीं हुई। पूरे देश में विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा के पास ऑपरेशन लोटस के लिए 6300 करोड़ रुपये कहां से आए? दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना के ऊपर खादी ग्रामोद्योग का चेयरमैन रहते हुए नोटबंदी के समय हुए 1400 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कब होगी? यह सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेता मनगढ़ंत व फर्जी झूठ फैलाने के बजाय देश की जनता को इन सवालों के जबाव दें। आज देश की जनता भाजपा से जवाब मांग रही है कि लगातार पेट्रोल-डीजल का दाम बढाकर, महंगाई से जनता की कमर तोड़कर, उस पैसों का इस्तेमाल भाजपा ने विधायक खरीदने के लिए क्यों किया?
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा के पास अब कोई सवाल नहीं बचे तो उनके नेता अपने द्वारा बोले गए झूठी बातों का जवाब मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक्साइज में भाजपा के नेता पहले 8 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का राग अलाप रहे थे वो झूठ साबित हुआ तो 1.5 लाख करोड़ के भ्रष्टाचार का जुमला गाने लगे। उसके बाद बोले नहीं 1100 करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ है। इसके बाद 144 करोड़ के भ्रष्टाचार की बात करने लगे। सीबीआई ने कहा कि सूत्रों के अनुसार किसी कंपनी ने दूसरी कम्पनी को 1 करोड़ रुपये बैंक में ट्रांसफर किया। भाजपा के नेता इस फर्जी साजिश के पहले दिन से ही अपनी बातों को झूठा साबित कर रहे हैं और अपने झूठ का जवाब मांग रहे हैं।उन्होंने कहा कि भाजपा के सारे सवाल झूठे और मनगढ़ंत हैं। मेरे घर सीबीआई भेजी गई, 14 घंटे तक सीबीआई ने खोजबीन और पूछताछ की। मैंने सीबीआई के हर सवालों का जवाब दिया। सीबीआई को कुछ नहीं मिला और मेरे जवाबों से संतुष्ट रही लेकिन फिर भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बोल रहे है कि सवालों के जवाब दो। शायद उन्हें अपने द्वारा भेजी गई सीबीआई पर विश्वास नहीं है। जब मेरे घर से सीबीआई को कुछ नहीं मिला तो आज सीबीआई ने मेरे बैंक लॉकर की जांच की। वहां उन्हें कुल मिलकर 70-80 हजार कीमत का सामान मिला और उनकी तरफ से क्लीन चिट मिली। सीबीआई को कुछ नहीं मिल रहा पर उनके ऊपर भी पीएम मोदी का दबाव है कि मुझे गिरफ्तार किया जाए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा वाले पहले शराब का जुमला गा रहे थे। मेरे ऊपर सारी जांच हो गई। सीबीआई को कुछ नहीं मिला तो अब क्लासरूम बनाने के कथित घोटाले पर जुमला गाना शुरू कर दिया। भाजपा का कहना है कि हमने 4 हजार क्लासरूम के बजाय 8 हजार क्लासरूम क्यों बना दिए, यह भ्रष्टाचार हो गया। मैं भाजपा वालों को कहना चाहूंगा कि हमने 8 हजार नहीं 20 हजार क्लासरूम बनाए हैं। हमें इस बात का गर्व है लेकिन भाजपा पर लानत है कि बच्चों के लिए शानदार क्लासरूम बनाना उनके लिए भ्रष्टाचार है। भाजपा का यह जुमला भी फेल हो गया तो अब उपराज्यपाल की तरफ से फरमान जारी किया है कि हमारा शिक्षा का बजट बढ़ा है लेकिन बच्चे कम हो गए हैं। हकीकत यह है कि केंद्र सरकार की वेबसाइट के अनुसार ही 2014 में हमारे स्कूलों में जहां 15 लाख बच्चे पढ़ते थे वहीं अभी दिल्ली सरकार के स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। हम गर्व से कहते हैं कि दिल्ली सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जिसने 7 सालों से अपने बजट का लगभग 25 फीसदी शिक्षा को आवंटित किया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमने 1-1 सवाल का जवाब दिया लेकिन अब भाजपा के लोग जवाब दें। भाजपा वाले जवाब दे कि देश इस हालात में क्यों पहुंच गया कि पीएम मोदी ने दूध-दही पर जीएसटी लगाया। उससे जितना कमाया वो अपने दोस्तों के लाखों करोड़ों के कर्ज माफ करने में क्यों लगा दिया। भाजपा ने पूरे देश में ऑपरेशन लोटस चलाया, विधायक खरीदे। खैर दिल्ली में फेल हो गया लेकिन हमें रेट पता चल गया। इस पर भाजपा, पीएम मोदी जवाब दें कि विधायकों को खरीदने के लिए भाजपा ने 6300 करोड़ रुपये खर्च किए। विधायकों को खरीदने के लिए उनके पास 6300 करोड़ रुपये कहां से आए? आज जनता जवाब मांग रही है कि लगातार पेट्रोल-डीजल का दाम बढ़ाकर, महंगाई से जनता की कमर तोड़कर उस पैसों का इस्तेमाल भाजपा ने विधायक खरीदने के लिए क्यों किया?
भाजपा सदन में पूछे जा रहे इस सवाल का भी जवाब दे कि उपराज्यपाल विनय सक्सेना के खादी ग्रामोद्योग में चेयरमैन रहते हुए 1400 करोड़ का जो भ्रष्टाचार हुआ, जिसका सबूत खुद वहां के कैशियर ने दिया कि उपराज्यपाल के आदेश पर नोट बदले गए। यह सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। इसकी सीबीआई जांच कब होगी, उनके यहां रेड कब डाली जाएगी।