अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियो। प्रजातंत्र का संघर्ष आपके समक्ष जारी है। हम केवल ये कहेंगे – मोदी जी पिछले 8 सालों में अगर आप विधायकों, राज्यसभा और प्रदेश सरकारों में खरीद फरोख्त की जांच करवा लेते, आपको तो पैसे का भी पता होगा, तो बहुत रिक्वरी हो जाती। खैर मैं आपको विषय पर ले आता हूं।
इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट, ईडी और मोदी सरकार का डर। पहला सवाल, 4 सवाल आपके बीच में लेकर आया हूं –
पहला सवाल – आखिर मोदी सरकार को, आखिर भाजपा के निशाने पर श्री राहुल गांधी और कांग्रेस क्यों है?
दूसरा सवाल – क्या जनता के मुद्दे उठाने वाली मुखर आवाज को दबाने का षडयंत्र है ईडी की कार्यवाई? ये सवाल हैं, जो शायद टेलीविजन पूछ नहीं पा रहा।
तीसरा सवाल – क्या राहुल गांधी मोदी सरकार द्वारा चंद धन्ना सेठों के हित साधने में रोड़ा बने हैं?
चौथा सवाल – भाजपा सरकार हजारों-करोड़ रुपया विज्ञापन पर खर्च कर, 40-50 मंत्री लगाकर, सारे मीडिया पर दबाव डालकर, कल पूरा दिन आपको वॉट्सअप यूनिवर्सिटी पर मैसेज भेज ये बताकर कि ये चलाइए, ये चलाइए, केवल एक आवाज श्री राहुल गांधी पर ही इतनी हमलावर क्यों है?
ये चार सवाल हैं, जिन्हें जानना देश को जरुरी है।
आइये, इन सवालों के जवाब जानें और समझें कि क्यों मोदी सरकार कांग्रेस की एकजुटता और श्री राहुल गांधी की बुलंद आवाज से डर गई है:-
पहला, जब चीन ने हमारे देश की सरजमीं पर कब्ज़ा किया, हमारे जवान शहीद हुए, तो प्रधानमंत्री जी ने कहा, सर्वदलीय बैठक में कहा – ‘न कोई घुसा है, न कोई आया है’।
तब विपक्ष की एकमात्र आवाज़, राहुल गांधी ने सरकार के इस झूठ को घेरा और देश की माटी के लिए, शहीद जवानों के लिए आवाज उठाई। आज दो साल बीत जाने के बावजूद भी चीन को भारत मां की सीमा से खदेड़ नहीं पाए। इसलिए, श्री राहुल गांधी से परेशानी है।
दूसरा, महंगाई से हो रही जनता की बदहाली पर राहुल गाँधी ने लगातार सरकार को घेरा। पेट्रोल-डीजल के दामों पर, रसोई गैस के दामों पर, सीएनजी-पीएनजी के दामों पर, बढ़ते खाने-पीने की वस्तुओं के दामों पर, उन्होंने लगातार देश के मध्यम वर्ग, देश के नौकरीपेशा लोग, देश के गरीब, देश के दलित, देश के पिछड़े, देश के आदिवासी की आवाज उठाई और सरकार को घेरा, जिसका जवाब सरकार के पास नहीं है। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
तीसरा, डूबती अर्थव्यवस्था और गिरते रुपये को लेकर, एमएसएमई की बदहाली को लेकर, छिनती नौकरियों को लेकर, चौतरफा 45 साल की सबसे भयंकर बेरोजगारी को लेकर, युवाओं के गुस्से को लेकर, श्री राहुल गांधी ने सवालों की झड़ी लगाकर मोदी सरकार को घेरा। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
चौथा, कोरोना में जब मोदी जी ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया, उस समय राहुल गांधी ने समय रहते न केवल सरकार को चेताया, बल्कि सरकार को देर से ही सही, कार्यवाही के लिए मदद के लिए मजबूर किया। जब सरकार कोरोना के टीके से हजारों करोड़ का मुनाफा प्राइवेट कंपनियों को कमवा रही थी, तो राहुल गांधी ने सरकार को बाध्य किया कि टीकाकरण मुफ्त हो, जो करने पर वो मजबूर हुए। जब लाखों मजदूर हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर जाने को मजबूर थे, तो सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाली आवाज का नाम श्री राहुल गांधी है। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
पांचवा, जब लाखों किसान न्याय की गुहार के लिए राजधानी दिल्ली के बाहर आठ महीने तक बैठे रहे, जब मोदी सरकार उन्हें आतंकवादी और नक्सलवादी बता रही थी, जब उनको अपराधी और देशद्रोही घोषित कर दिया गया था, जब उनके रास्ते में कील और कांटे बिछा दिए गए थे, जब 700 किसान कुर्बानी के लिए दिल्ली की सीमा पर मजबूर हो गए, तो ट्रैक्टर यात्रा कर किसान और खेत मजदूर की आवाज उठाकर और किसान की संसद में देश के 100 सांसद ले जाकर राहुल गांधी ने किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर किसान की आवाज उठाई और सरकार को मजबूर किया कि वो तीनों काले कानून वापस लेने पड़े। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
छठा, देश में नफ़रत के माहौल के खिलाफ और भाईचारे व अनेकता में एकता के विचार के लिए एकमात्र आवाज जिसने सरकार की आँख में आँख डालकर कहा कि धर्मांदता और एक विषैले बंटवारे से ये देश और नफरत से इस देश का भला नहीं हो सकता, वह राहुल गांधी हैं। उनको कटघरे में खड़ा कर दिया और बाद में फिर उन्होंने खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे, दो प्रवक्ताओं को निकाल कर माफी मांगनी पड़ी। इसलिए, राहुल गांधी से परेशानी है।
सातवां, प्रधानमंत्री जी कभी प्राइवेट कंपनी के नुमाइंदे बनकर राफेल का ठेका फ्रांस में दिलवाते हैं और कभी एक प्राइवेट कंपनी का नुमाइंदा बनकर श्रीलंका में प्राइवेट कंपनी को बिजली का ठेका दिलवाने की सिफारिश करते हैं। राहुल गांधी ने मुट्ठी भर उद्योगपतियों के नुमाइंदे बने प्रधानमंत्री से सवाल कर उनको कठघरे में खड़ा कर दिया। इसलिए, श्री राहुल गांधी से परेशानी है।
दोस्तों, क्रोनोलॉजी समझिए, देशवासियों क्रोनोलॉजी समझिए – मोदी सरकार ने बौखला कर ‘इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट’ यानी ED के पीछे छिपकर आपकी सत्यनिष्ठा की आवाज पर हमला बोला है।
ये हमला विपक्ष की उस निर्भीक आवाज पर है, जो जनता के सवालों को दृढ़ता से सरकार के समक्ष रखते हैं और सरकार से जवाबदेही मांगते हैं, जो जनता के मुद्दों को भयमुक्त तरीके से, निडरता से उठाते हैं।
भाजपाई सत्ता की एजेंसियों के डर से कितने ही लोगों ने समझौता कर लिया, भाजपा में माफीनामा देकर शामिल हो गए, दूध के धुले बन गए। कितनों ने घुटने टेक दिए। कितनों ने अपनी आत्मा बेच दी, लेकिन श्री राहुल गांधी वो व्यक्ति हैं, जिन्होंने सरकार की आँख में आँख डालकर जनता के सवाल उठाए हैं। इसलिए उनसे परेशानी है।
साथियो, दोस्तों, देशवासियों, ये हमला उसी निर्भीक आवाज पर है, जो आपकी आवाज है।
ये हमला जनता के मुद्दों पर है, कांग्रेस या राहुल गांधी पर नहीं।
ये हमला बेरोजगारों पर है, ये हमला गरीबों पर है, ये हमला मध्यम वर्ग पर है, ये हमला नौकरीपेशा लोगों पर है, ये हमला महिलाओं, युवाओं, पिछड़ों, दलितों, आदिवासियों पर हैं। ये हमला देश के संविधान से जुड़े मुद्दों पर सवाल पूछने पर है। इसलिए हम फिर कहते हैं –
हम न डरेंगे, न झुकेंगे, न दबेंगे, राहुल गांधी, कांग्रेस देश के लिए लड़ेंगे।
एक प्रश्न पर कि आप ईडी को इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट कह रहे हैं, क्या आधार है, आपका ऐसा कहने का, सुरजेवाला ने कहा कि यह बताइए हिमंता बिस्वा सरमा जी, जब कांग्रेस में थे, तो लुईस बर्जर केस में, शारदा घोटाले में, उन्हें ईडी और सीबीआई ने बुलाया या नहीं बुलाया? उसके बाद वो कांग्रेस से दौड़कर भाजपा में शामिल हो गए, आज भाजपा के मुख्यमंत्री हैं, तो कहाँ गया, शारदा घोटाला और कहाँ गया, लुईस बर्जर केस और कहाँ गए ईडी के समन्स और कहाँ है सीबीआई? कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय येदियुरप्पा साहब, उन पर ईडी का केस दर्ज है या नहीं है? उनको ईडी के समन और बेटे को आए हैं या नहीं आए हैं, परंतु 8 साल बीत गए कहाँ गया ईडी का केस? नारायण राणे जी जब कांग्रेस में थे, तो उन पर रेड हुई, ईडी और इंकम टैक्स के मुकदमे दर्ज हुए और फिर नारायण राणे जी बीजेपी में शामिल हो गए, अब वो पाक साफ हैं, न ईडी का केस रहा, न सीबीआई का मुकदमा रहा। सोमेन मित्रा जी, याद करिए, सोमेन मित्रा जी कांग्रेस में भी थे और टीएमसी में भी थे, तब उन पर मुकदमा था, ईडी की पेशियाँ लगती थी, अब वो बीजेपी में जब शामिल हो गए, तो सब कुछ खत्म हो गया।
रमन सिंह जी, क्या उनके ऊपर और उनके शायद बेटे पर कोई ईडी का केस है या नहीं है? तो क्या हुआ 8 साल में उस मुकदमें का, जो पूर्व मुख्यमंत्री हैं। कर्नाटक में जो 40 प्रतिशत कमीशन खाते पकड़े गए सारे मंत्रीगण, उन पर ईडी का केस क्यों नहीं हुआ? मुकुल रॉय जी, जब तक वो एक दूसरी पार्टी में थे, उन पर ईडी का केस था, फिर वो बीजेपी में चले गए, ईडी का केस ठीक हो गया। सुवेंदु अधिकारी जी, उन पर बहुत सारी कार्रवाई हुई, जैसे ही वो बीजेपी में चले गए, वो सब ठीक हो गया। एक लंबी लिस्ट है, सैंकड़ों लोगों की, बीजेपी में भर्ती हो जाओ, दूध से धुले हो जाओ, सारे मुकदमें बंद। तो मुझे बताइए, अगर देश में जो आजादी का, स्वतंत्रता संग्राम का समाचार पत्र नेशनल हेराल्ड है, उनके कर्मचारियों की तनख्वाह देना, पत्रकारों की तनख्वाह देना, उसका बिजली के बिल का भुगतान करना, उसके हाउस टैक्स का भुगतान करना, उसके बिल्डिंग चार्जेस का भुगतान करना, अगर 10 साल में 90 करोड़ देकर कांग्रेस पार्टी ने ये किया, तो ये क्या अपराध है, देशवासी बताएं। फिर तो हर पत्रकार दोषी है और हर अखबार और टेलीविजन का मालिक दोषी है, हर बिजली के बिल का भुगतान करने वाला दोषी है, हर हाउस टैक्स देने वाला दोषी है, 140 करोड़ देशवासियों को ईडी में बुला लीजिए।
एक आखिरी बात और इसमें जोड़ना चाहूँगा, साथियों एक आंकड़ा बड़ा महत्वपूर्ण है, ये जो भाजपा का इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट है न, उसके पास 5,422 मुकदमें हैं। 5,422 मुकदमें इन्होंने दर्ज कर रखे हैं और कमाल ये है कि उनमें से 98 प्रतिशत मुकदमें, यानि 5,310 मुकदमे मोदी जी ने दर्ज किए हैं, पिछले 8 साल में। क्या ये नहीं दर्शाता कि ईडी अब इलेक्शन मैनेजमेंट डिपार्टमेंट बन गया है? 5,422 कुल मुकदमे हैं। 5,422! Out of this, 5,310 case have been registered during Modi government i.e. 98 percent. Does it not show that ED has now become Election Management Department?
एक प्रश्न पर कि उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि आज फिर पूरी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया, क्यों? दिल्ली के लोगों का रास्ता क्यों रोका जा रहा है? राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले हर व्यक्ति को क्यों रोका जा रहा है? दिल्ली के लोगों को क्यों असुविधा दी जा रही है? दिल्ली के लोग कतारों में क्यों खड़े हैं? क्या हमसे इस देश की सुरक्षा को खतरा है? क्या अगर कांग्रेस के नेता, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, देश की संसद के सदस्यगण, कांग्रेस के पदाधिकारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्रीगण, कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता अगर पैदल चलकर, एक किलोमीटर चले जाएंगे, तो दिल्ली की मोदी सरकार का सिंहासन क्यों डगमगा रहा है? दिल्ली को छावनी में तब्दील कर भाजपा ने ये साबित कर दिया कि वो एक कायर सरकार है। वो एक डरपोक सरकार है। जिस प्रकार से जानलेवा हमला बोला गया, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संगठन महासचिव, श्री केसी वेणुगोपाल पर कल, दिल्ली के प्रभारी, श्री शक्तिसिंह गोहिल को जो गुजरात से आते हैं औऱ सांसद हैं, टार्गेट बनाकर उन्हें मारा गया। टार्गेट बनाकर उन्हें चोट पहुंचाई गई। देश के गृहमंत्री, पूर्व वित्तमंत्री, श्री पी चिदंबरम की पसली तोड़ दी गई, उन्हें धक्के मारकर उनका चश्मा तक जमीन पर गिरा दिया गया। उत्तर प्रदेश में 10 साल तक विपक्ष के नेता, सांसद श्री प्रमोद तिवारी को धक्के मारकर पुलिस द्वारा सड़क पर फेंका गया, पसलियाँ तोड़ दी गईं। जिस प्रकार से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को बेरहमी से पीटा गया, जिस प्रकार से दिल्ली के हर थाने में लगभग 20 हजार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को, नेताओं को 12 घंटे तक नाजायज रोककर रखा गया, हम सब लोगों को भी रात के सवा बारह बजे रिहा किया गया।
इस देश में प्रजातंत्र है या मोदी जी की बेलगाम तानाशाही, इसका जवाब उन्हें देना पड़ेगा और एक बात जान ले, डरपोक, कायर मोदी सरकार हम गांधी के उत्तराधिकारी हैं, हम फिर पैदल चलकर जाएंगे। हमारा सत्याग्रह, हमारा सत्य की खोज का ये आंदोलन, हमारा उन लोगों को जो लोगों की आवाज को दबाना चाहते हैं, उनको बेनकाब करने का ये पूरा आंदोलन, ये रुकेगा नहीं, हम फिर जाएंगे।
मैं एक बात और जोड़ना चाहूंगा। आप मुझे बताइए मोदी जी, टेलीविजन चैनल पर आपके पत्रकार मित्र कुछ जो हैं, और कुछ प्रवक्ता; पत्रकार मित्र कुछ, जो प्रवक्ता बन जाते हैं और कुछ प्रवक्ता चिल्ला-चिल्लाकर कई बातें कहते हैं, क्या मुझे तीन सवालों का जवाब देंगे।
पीएमएलए में जो मुकदमें में आपने हमें ईडी में बुलाया है, उसके लिए तो एक प्राथमिकी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए, कहाँ है वो एफआईआर?
आज तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं, क्योंकि कोई अपराध ही नहीं। सुब्रहमण्यम स्वामी की प्राईवेट कंप्लेंट है और वो प्राईवेट कंप्लेंट सुब्रहमण्यम स्वामी की दरख्वास्त पर स्टे कर दी गई है, यानि वो कंप्लेंट भी नहीं है, आज के दिन तो। तो क्या अपराध है? ईडी के समन देने के लिए ये कानूनी जरुरत है कि एक एफआईआर दर्ज होनी चाहिए किसी थाने में। बताइए कौन से थाने में एफआईआर दर्ज है? किसी थाने में कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। प्राईवेट कंप्लेंट पर भी स्टे लगवा दिया है। तो फिर आप ईडी के समन जारी कैसे कर सकते हैं, ये अपने आप में गैर कानूनी है और आप कहते हैं कि कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपया क्यों दे दिया? हमने दिया, हम मानते हैं, हम डंके की चोट पर मानते हैं, पर अगर कोई इंकम टैक्स की अवहेलना हो और पार्टी को तो इंकम टैक्स देना ही नहीं है, तो उसे एफआईआर नहीं मान सकते आप। तो अपने आप मे ये पूरी कार्यवाही गैर कानूनी है, असंवैधानिक है, पूर्वाग्रह से ग्रस्त है, राजनैतिक प्रतिशोध की आग में धधकते हुए प्रधानमंत्री जी की कार्यवाही है। इसका कोई जवाब आपके पास हो तो देशवासियों को अवश्य बताइएगा, क्योंकि बगैर एफआईआऱ के ईडी न किसी को बुला सकता, न मुकदमा दर्ज कर सकता, न ईसीआईआर दर्ज कर सकता, ये इस देश का कानून है, पर कोई बात नहीं, हम हर सवाल का जवाब देंगे, हम हर सवाल का सामना करेंगे क्योंकि सत्य को अब न परेशान किया जा सकता, न पराजित।
एक अन्य प्रश्न पर कि आप कह रहे हैं कि ये एक बोगस केस है, तो कल जो सवाल जवाब हुए उस पर क्या कहेंगे, सुरजेवाला ने कहा कि क्योंकि एक कार्रवाई है, जो ईडी के समक्ष है, उस पर मैं टिप्पणी नहीं करुँगा, पर एक सवाल आपने बड़ा सार्थक पूछा, मुझे ये बताइए कोई व्यक्ति सवाल आपसे अंदर पूछ रहा है, बाहर टेलीविजन पर चैनल पर कैसे चलाए जा रहे हैं? आप सबके टेलीविजन के मालिकों के व्हाट्सएप चैक करवाइए। उनको बकायदा लिखकर आ रहा था, आप ये चलाइए, आप ये सवाल पूछिए। अगर प्रक्रिया न्यायिक है, तो उस न्यायिक प्रक्रिया में पूछे जाने वाला सवाल आप लोगों के पास कैसे आ रहे थे? अब ये सवाल पूछा गया, अब ये खाया, अब कुर्सी पर इस तरह से बैठे, अब कुर्सी पर इस तरह से बैठे, अब कुर्सी सीधी की, अब खाना खाया, अब पानी पिया। अरे मोदी जी, क्यों इतना डरते हो, भईया? आप कैमरा ही लगवा दो न ले जाकर एजेंसीज का, और टेलीविजन चैनल का, राहुल गांधी जी उन कैमरों के सामने जवाब देंगे आपके ईडी के हर सवाल का। हमें कोई डर नहीं लगता, परंतु चोर दरवाजे से टेलीविजन चैनलों को सवाल भेजकर कुछ भी ऊल-जलूल आप चलवा रहे हैं। नहीं तो मुझे बताइए न, आपको कौन बता रहा है? आप सबके व्हाट्सएप चैक करवाइए, एडिटर्स के। बाकायदा प्रधानमंत्री जी के कार्यालय से एक स्पेशल ग्रुप है, वहाँ से लिखकर आता है, अब ये चलाइए, अब ये सवाल पूछा गया, अब ये पूछा गया, अब ये खबर चलाइए। क्या इस देश के मीडिया को दबाव डालकर इतना पंगु बना दिया गया है? मुझे मालूम है कि 5 तो टेलीविजन चैनल पर ईडी के मुकदमे दर्ज कर रखे हैं और कई मालिकों पर उनके ईडी के मुकदमे दर्ज कर रखे हैं, कई मालिकों को नोटिस दे रखा है, ईडी का, आप सब जानते हैं। तो टेलीविजन के, अखबार के मालिकों को ईडी का नोटिस दो फिर व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से कुछ भी चलवाओ। मुझे लगता है ये इस देश के प्रजातंत्र के लिए घातक है और आज मैं इस मंच से चुनौती देता हूँ प्रधानमंत्री जी को, आप सारे टेलीविजन कैमरा ईडी के उस दफ्तर के इंटैरोगेशन रुम में लगा दीजिए, राहुल गांधी हर सवाल का जवाब देंगे।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा कि मेरे दोस्त, काश आपको सुब्रमण्यम स्वामी जी ने जो शिकायत की थी, प्राईवेट कंप्लेंट थी, एफआईआर नहीं थी और वो प्राईवेट कंप्लेंट उन्होंने खुद हाई कोर्ट में दावा कर स्टे करा रखी है, तो जो स्टे पड़ी है, वो तो अब कंप्लेंट रही नहीं, तो अब बीजेपी की बचकाना हरकतों और बातों का मतलब क्या है? 7 दिसम्बर, 2015 का ऑर्डर जरुर पढ़ लें हाई कोर्ट का। उन्होंने ये कहा है कि इस कंप्लेंट में कोई सच नहीं, ये सार तथ्यों का निर्णय चार्जशीट की स्टेज पर होगा। आज तक चार्जेस नहीं फ्रेम हुए हैं। मैं पढ़ देता हूँ।
Without casting any reflection on merits of this case and while leaving the larger questions raised in these petitions open to be considered at the charge stage, these petitions and the pending applications are dismissed.
और मैं उससे पहले भी जो उन्होंने कहा साफ तौर से ये उन्होंने कहा कि ये सारे जो तथ्य हैं, इनको केवल और केवल चार्ज स्टेज पर देखा जाएगा और जब अब कंप्लेंट ही स्टे पड़ी है, तो उसके मायने ही क्या रहे, आप मुझे बताइए? अब तो न शिकायत है, न कोई एफआईआर है, न कोई प्राईवेट कंप्लेंट है आज के दिन तो फिर ईडी कहाँ से आ गया?
एक अन्य प्रश्न पर कि क्या इस मसले पर न्यायालय जाने के लिए पार्टी विचार कर रही है?सुरजेवाला ने कहा कि क्यों जाएं हम आदरणीय मित्र? क्या अखबार के कर्मचारियों और पत्रकारों की तनख्वाह देना इस देश में अपराध है, तो न्यूज 18 में सबसे पहले आपको जेल में बंद करना चाहिए, आपके मालिक को और आपके एडिटर को। मैं आज ये चुनौती देकर कहता हूं। आप सबके चैनल के मालिकों को जेल में बंद कर देना चाहिए अगर मोदी जी की यार्डस किक है तो और आप सबको भी, तो मोदी जी का काम भी आसान हो जाएगा, फिर अपना ये एक टेलीविजन चैनल चला लेंगे। क्या इस देश में बिजली की बिल देना अपराध है? क्या इस देश में हाउस टैक्स देना अपराध है? क्या इस देश में सरकार की देय राशि देना अपराध है? मैं कल से ये कह रहा हूं और मैं आपसे भी ये अनुरोध करुंगा, बड़ा हाथ जोड़कर, विनम्रता से करुंगा, ये बार-बार जो कह रहे हैं, ये 90 करोड़ का ब्रेकअप मैं आपको दे रहा हूं, प्लीज दिखाइए। 67 करोड़ रुपए पत्रकारों और कर्मचारियों की तनख्वाह का है नेशनल हेराल्ड अखबार के। बताइए किसी और चीज में इस्तेमाल हुआ है तो, बताइए किसी कांग्रेस के आदमी ने एक रुपया उसमें से लिया है तो और जो बाकी कितना बचा 90 करोड़ में से 67 करोड़ घटाएं, तो 23 करोड़, क्योंकि मैं हरियाणा से हूं तो हिसाब कमजोर है। 23 करोड़ जो बचा वो पैसा कहाँ इस्तेमाल हुआ – बिजली का बिल देने में, वर्षों से जो लीज मनी पेंडिंग थी, सरकार को देनी थी, सरकार के खजाने में जमा करवाने में, सरकार के खजाने में हाउस टैक्स जमा करवाने में और जो बिल्डिंग है, उसे चालू करने में, जहाँ से अखबार छपता है। तो हर वो आदमी जो बिजली का बिल देता है, हाउस टैक्स देता है, लीज मनी देता है, पत्रकारों की तनख्वाह देता है, वो सब दोषी हैं। ये 90 करोड़ कहाँ गया फिर, इस 90 करोड़ में से क्या 9 पैसा भी कांग्रेस के किसी साथी ने लिया, नहीं, तो अपराध क्या है? इस सवाल का जवाब कोई नहीं देता। क्या अपराध है?
एक अन्य प्रश्न पर कि बीजेपी का कहना है कि अगर आपने कुछ गलत किया नहीं है, तो आप कोर्ट में क्यों नहीं जाते हैं? दूसरा, आज भी क्या सत्याग्रह होगा, आज भी क्या पैदल मार्च होगा? सुरजेवाला ने कहा कि जी बिल्कुल, सत्याग्रह भी होगा और पैदल मार्च भी होगा, पर जब-जब मोदी डरते हैं, पुलिस को आगे करते हैं। आपको भी कितनी असुविधा हुई, हमें भी एक-एक किलोमीटर पैदल चलकर आना पड़ा। उन्होंने तो गुजरात भवन को भी पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया है, जो बापू का घर है। तो इसलिए मैं आपसे पूछता हूं, क्यों, पैदल चलकर जाना इस देश में अपराध कैसे है? किसी दफ्तर तक शांतिप्रिय तरीके से विरोध दर्ज करवाना अपराध कैसे है? 12-12 घंटे आप 20,000 कार्यकर्ताओं को जेल में कैसे बंद कर सकते हैं? आप इस देश के पूर्व गृहमंत्री, इस देश के पूर्व वित्त मंत्री, इस देश के सांसदों की पसलियां पुलिस से कैसे तुड़वा सकते हैं? आप लाठियां क्यों बरसवा रहे हैं? आप डरते क्यों हैं? Why are you scared Mr. Modi? That’s the simple question.
एक अन्य प्रश्न पर कि तमाम खबरें आ रही हैं कि राहुल गांधी जी कुछ सवालों का जवाब नहीं दे पाएंगे? सुरजेवाला ने कहा कि मित्र, मुझे लगता है मैंने अभी इसका जवाब दिया, पर मैं फिर दोहराता हूं। ये एक न्यायिक प्रक्रिया है और हम कभी न्यायिक प्रक्रिया पर टिप्पणी नहीं करते, पर मैं ये पूछूंगा कि अगर ये न्यायिक प्रक्रिया है, तो आपको वाट्सअप यूनिवर्सिटी पर वाट्सअप के माध्यम से मोदी सरकार इतनी भयभीत क्यों हैं? हम तो सवालों से भयभीत हैं नहीं। मैं आज न्यूज नेशन के माध्यम से कहता हूं मोदी जी को कि आप ये सारे कैमरा जो हैं, उस कमरे में लगवा दीजिए, जहाँ राहुल गांधी जी से सवाल पूछे जा रहे हैं। हम उनके सामने देंगे ना जवाब, हमें कोई एतराज नहीं। पर आप चोर दरवाजे से किसी – किसी को कोई ऊल-जलुलू सवाल भेज देते हैं, किसी को कुछ भेज देते हैं, किसी को बोलते हैं कि अच्छा आप पूरा कमरा बनाओ, तो कई टेलीविजन चैनलों ने कमरा बनाया। ये कुर्सी जो है 90 डिग्री के एंगल पर रखी है, ये 75 डिग्री पर सवाल पूछा गया। पानी के दो ग्लास हैं, एक आधा भरा है, एक पूरा फुल है और उसके बाद तीन सवाल पूछने के बाद उन्होंने दो घूंट पानी की पी, उसमें से एक आधी घूंट जो है, उन्होंने पी कर पानी का ग्लास नीचे रख दिया। इस तरह की बचकाना और बेवकूफाना हरकतें क्यों कर रहे हैं? सीधे-सीधे टेलीविजन का कैमरा लगाओ ना। I challenge you Mr. Modi, put permit every television camera to be in the interrogation room, Shri Rahul Gandhi will answer questions in front of the camera, but this is a judicial process, so we are that’s why not commenting upon it.
एक अन्य प्रश्न पर कि बीजेपी ने ये भी आरोप लगाया कि कल जिस तरह से कांग्रेस के तमाम मुख्यमंत्री, नेता और सांसद दिल्ली में रहे, तो ये सब करने की जरुरत क्या थी? सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी के 50-50 मंत्री क्यों हमलावर हैं, उनके पेट में क्यों दर्द हुआ है, वो अपना काम क्यों नहीं करते हैं? आप मुझे बताइए आपने 20,000 लोग अरेस्ट किए, पूरे देश के अंदर लगभग 5 लाख लोगों ने गिरफ्तारियां दी, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने। आपने उन सबको जेल में 12 घंटे तक रखा। आपने 20,000 के करीब पुलिस वाले आज भी लगा रखे हैं। 100 से ज्यादा आपने बैरियर लगा रखे हैं, क्यों? क्यों सरकार का पैसा खराब कर रहे हैं? अपना काम करो भैया। हम तो सिर्फ पैदल चलकर एक कार्यालय के बाहर शांतिप्रिय गांधीवादी तरीके से धरने पर बैठना चाहते हैं। 50 मंत्री अपने महकमे छोड़कर, अपना काम छोड़कर राहुल गांधी जी और कांग्रेस को गालियां देने पर लगे हैं, क्यों? आप देश का समय बर्बाद क्यों कर रहे हैं? You are the one, who is accountable and responsible for this nonsense and farce, because you are a coward, that’s why.
एक अन्य प्रश्न पर कि क्या राहुल गांधी जी हर सवाल का जवाब देंगे? श्री सुरजेवाला ने कहा कि जी वो बिल्कुल हर सवाल का जवाब देंगे।
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सुरजेवाला ने कहा कि आदरणीय मित्र, इसे बोलते हैं, 900 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। इस देश में 50 साल की सबसे भयंकर बेरोजगारी है। 75 साल में सबसे निचले पायदान पर रुपया गिरकर अब 78 रुपए 28 पैसे टू ए डॉलर हो गया है। इस देश में 28 लाख सरकारी नौकरियां खाली पड़ी हैं। इस देश में प्रजातंत्र और संविधान को बुल्डोजर के नीचे रौंद दिया गया है। अब ट्विटर-ट्विटर खेलकर प्रधानमंत्री कितनी देर तक हम सबको भटकाएंगे।