अजीत सिन्हा/ नई दिल्ली
कांग्रेस प्रक्वता पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सबको भाई दूज की बहुत- बहुत शुभकामनाएं। जून, 2020 में भारतीय जनता पार्टी के सांसद अरुणाचल प्रदेश ईस्ट तापिर गाओ साहब ने चिंता जाहिर की थी, पत्र लिखे थे प्रधानमंत्री को, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री आदि को कि कैसे चीन हमारे अरुणाचल की सीमाओं के भीतर घुसकर कंस्ट्रक्शन कर रहा है, पेट्रोलिंग कर रहा है। तब उनकी बात को सरकार ने नकारा था, डिनायल इशू किए थे, जैसा कि इस सरकार की आदत है। 17 महीने हो गए प्रधानमंत्री ने जब क्लीन चिट दी थी चीन को, जिस क्लीन चिट को चीन पूरे विश्व में दिखा-दिखा कर बता रहा था कि देखिए हम पर झूठे आरोप हैं, हम तो कहीं गए ही नहीं, भारत में घुसे ही नहीं, प्रधानमंत्री खुद कह रहे हैं कि ना वहाँ कोई घुसा था, ना कोई आया था, ना कोई घुस हुआ है, ना ही हमारी किसी पोस्ट पर कोई कब्जा है, ये शब्द सबको रट गए हैं अब। जब प्रधानमंत्री क्लीन चिट दे रहे थे, जब प्रधानमंत्री की पार्टी के अपने सांसद अरुणाचल प्रदेश ईस्ट के बार-बार बता रहे थे, आगाह कर रहे थे सरकार को कि कैसे चीन अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ कर रहा है, कंस्ट्रक्शन कर रहा है, पुल बना रहा है, तब प्रधानमंत्री अपनी एक नकली छवि बचाने के लिए चीन को क्लीन चिट दिए जा रहे थे। अब इसी सप्ताह पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस के सामने एक रिपोर्ट पेश की है, 192 पेज की रिपोर्ट है,
Military and Security Developments involving the People’s Republic of China, 2021 से रिपोर्ट का नाम है। इस रिपोर्ट में पेंटागन यानि कि अमेरिका वही बात कह रहा है, जो हम में से कुछ लोग, मीडिया के साथी, सेना के पूर्व अधिकारी और जो चिंतित वर्ग है इस देश का, वो बार-बार दोहराता आ रहा है, बार-बार सरकार को आगाह करता आ रहा है कि रोकिए, चीन कई सीमाओं को लांघ कर अंदर आ रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट अरुणाचल के विषय में बताती है कि 100, 101 घरों का एक गांव साढ़े 4 किलोमीटर भीतर हमारी टेरिटरी के हमारी सीमा को लांघ कर अरुणाचल प्रदेश में चीन ने बना दिया है। इसमें से कुछ मल्टी स्टोरीड,बहुमंजिला इमारतें हैं और इनको अंग्रेजी में कहा जाता है – dual use village, इनका दोहरा इस्तेमाल होता है, एक तो सिविलियन इस्तेमाल होता है, जहाँ लोगों को बसा दिया गया और दूसरा कैंटोनमेंट की तरह इस्तेमाल होते हैं, मिलिट्री जो हैं, पीएलए जो है, वो भी इसका इस्तेमाल करे। ये बहुत ज्यादा गंभीर विषय है, बहुत ज्यादा चिंता का विषय है और आज ये समय आ गया है कि प्रधानमंत्री को अपनी वो क्लीन चिट वापस ले लेनी चाहिए और देश के सामने आकर बताना चाहिए कि हां, चीन घुसा हुआ है, घुसा हुआ है। पिछले महीने मैने यहीं प्रेस वार्ता में आपको उत्तराखंड के विषय में भी बताया कि कैसे दो क्षेत्रों में उत्तराखंड में चीन की पीएलए भीतर घुस कर हमारा एक पुल डिस्ट्रोय करके, बर्बाद करके वापस चली गई और हमने कुछ नहीं बोला और ये सब क्यों हो रहा है- ये सब इसलिए हो रहा है कि एक झूठी छवि बनाई गई प्रधानमंत्री की, ये आज से नहीं ये 2013-14 से बनाई गई, जब वो प्रधानमंत्री भी नहीं थे। जिसको अंग्रेजी में कहते हैं, macho इमेज छवि को बचाने के लिए आप देश की सीमाओं की आपको चिंता नहीं है, आप दुश्मन को क्लीन चिट दिए जा रहे हो, आप उनसे व्यापार बढ़ाये जा रहे हो, पिछले 6 महीने में 67 प्रतिशत व्यापार हमारा चीन से बढ़ गया है।