अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। आपने बहुत-बहुत प्यार दिया, प्यार से मेरा स्वागत किया, उसके लिए आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। हरीश रावत , जिनके साथ काम करके मैंने बहुत कुछ सीखा, उनके अनुभव और उनके विवेक से हमेशा मैं प्रेरित होती हूं। गणेश गोदियाल जी, प्रीतम सिंह जी, देवेंद्र यादव जी, नव प्रभात जी, मोहन प्रकाश जी, गौरव वल्लभ जी, आप सबका इस सभा में बहुत-बहुत स्वागत और जितने हमारे साथी, हमारी बहनें, हमारे भाई, हमें जगह-जगह में इस भाषण को देख रहे हैं, उनको भी मेरा बहुत-बहुत प्यार और बहुत-बहुत धन्यवाद।
भगवान केदारनाथ, भगवान बद्रीनाथ, गंगोत्री जी, यमुनोत्री जी की ये भूमि है। इस भूमि को मैं नमन करती हूं। इस भूमि के साथ मेरे परिवार का पुराना रिश्ता है। आप तो जानते ही होंगे, मेरे पिता जी, मेरे चाचा जी यहीं देहरादून में पढ़े, मेरे भाई भी यहीं पढ़े, मैं भी यहीं पढ़ी, मेरा बेटा भी यहाँ पढ़ा। कई पीढियों से हम इस प्रदेश में आ रहे हैं, आप सबसे मिल रहे हैं, आप सबकी बातों को सुन रहे हैं और यहाँ की जो सुंदरता है, यहाँ की प्रकृति जो है, उसको देखकर हमेशा खुश होते थे। लेकिन आज यहाँ आकर इस देवभूमि में जिस तरह की सरकार चल रही है, उसको देखकर दुख होता है।
मैं कहना चाहती हूं कि ये दुख क्यों होता है – ठीक है, हर सरकार आती है, जनता की समस्याएं होती हैं और जो विकास है, चाहे कितना भी कोई सरकार करे, वो कभी पूरा नहीं होता। तो हमेशा ये एहसास होता है कि चलो और काम हो सकता था। लेकिन सबसे बड़ा दुख तो इस सरकार के कार्य को देखकर इसलिए होता है क्योंकि इन्होंने कुछ भी नहीं किया। इन्होंने जितने बड़े-बड़े वायदे आपसे किए, जितनी आशा से, उम्मीद थी, आप सबने इनका समर्थन किया, उन वायदों को तोड़ दिया है। जहाँ-जहाँ मैं जाती हूं, बहुत स्पष्ट होता है कि पिछले पांच सालों में कुछ काम नहीं किया गया। पिछले पांच सालों में सिर्फ जो आपकी उम्मीदें हैं, वो टूटी, जो आपको वायदे किए, वो टूटे। जो पहले हमारी सरकार में काम किया गया था, वही आज दिखता है, जो हमारी सरकार के दौरान विकास का कार्य था, वही आज है, उससे आगे कुछ नहीं किया गया। हाँ, चुनाव आता है, तो बड़ी-बड़ी घोषणाएं फिर से होती हैं, उद्घाटन होने शुरु हो जाते हैं और जो प्रोजेक्ट इन्होंने पांच सालों से नहीं किए, उनका उद्घाटन वे आज कर रहे हैं, ये दिखाने के लिए कि बहुत बड़ी-बड़ी चीजें की गई हैं।इस सरकार ने जितना पैसा, जितना धन विज्ञापनों में खर्चा है, सिर्फ यहाँ उत्तराखंड में नहीं, सिर्फ उत्तर प्रदेश में नहीं, लेकिन दिल्ली में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विज्ञापन दिखते हैं, इतना खर्च होता है इन पर। लेकिन (ये) कहते हैं, जो आपकी समस्याएं हैं, उनको हल करने के लिए इनके पास पैसे नहीं है। जब हम घोषणा करते हैं कि हम कुछ करना चाहते हैं, तो सवाल उठाते हैं कि पैसे कहाँ से आएंगे। सच्चाई ये है कि पैसे हैं, सच्चाई ये है कि रोजगार के खाली पद हैं, सच्चाई ये है कि सरकार की नीयत ठीक नहीं है। अगर ये करना चाहती थी, तो कर सकती थी। सच्चाई ये है कि आपको डबल इंजन की सरकार का वायदा किया, लेकिन आज स्थिति इन्होंने ये बना दी कि पेट्रोल-डीजल इतना महंगा है कि इनका ही इंजन ठप्प हो गया है। मैं जब अपनी बहनों से मिलती हूं, वो मुझे बताती हैं कि कितनी परेशान हैं और इसलिए जब आपने नारा लगाया, आप कह रही थी कि ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’, तो क्यों खुश होती हैं आप इसे सुनकर, क्योंकि आप जानती हैं कि आपका जीवन संघर्ष का जीवन है। आप जानती हैं कि कुछ भी हो समाज का बोझ आप उठाती हैं, महंगाई का बोझ आप उठाती हैं। जो परिस्थितियां हैं, उसका बोझ हमेशा महिला उठाती है। महिला के पास बहुत ज्यादा मौके नहीं हैं, महिला के पास, उसको हमेशा घर भी देखना पड़ता है, चाहे वो बाहर जाकर खेतों में काम करे, वो घर आएगी। घर को भी संभालेगी, परिवार के सदस्यों को देखेगी, क्या वो सुखी हैं, वो अच्छे हैं कि नहीं हैं। सबकी सेहत ठीक है कि नहीं है। कोरोना की मार हुई, सबसे ज्यादा बोझ फिर से आपने उठाया। लेकिन आपको पूरी तरह से नकारा जाता है। जब नेता व राजनीतिक पार्टियां बात करती हैं, तो महिला की बात नहीं करती। क्या आपको मालूम है कि उत्तराखंड में हर पांच घंटे एक महिला के साथ अत्याचार होता है, हर पांच घंटे! जो पहाड़ी राज्य हैं, आपको मालूम है कि कितनी मुश्किल होती है, स्वास्थ्य सेवाओं को मिलने की। जब आप बीमार पड़ती हैं, गर्भवती होती हैं, तो अक्सर आपको बहुत दूर जाना पड़ता है, डॉक्टर से मिलने के लिए या अस्पताल से कोई सुविधा लेने के लिए। क्या किया इस सरकार ने आपके लिए?
आपको मालूम होगा कि सबसे ज्यादा बेरोजगारी महिलाओं में ही है। यहाँ तमाम महिलाएं बेरोजगार हैं। आशा बहुएं, आंगनबाड़ी की महिलाएं, उनका मानदेय बढ़ाया भी नहीं गया। कितना समय हो गया है, सालों हो गए हैं और उनका मानदेय वहीं का वहीं है। मैं जानती हूं, उत्तर प्रदेश में काम करती हूं, वहाँ आशा बहनें जो हैं, आंगनबाड़ी की बहनें जो हैं, बहुत परेशान हैं। संघर्ष करती हैं, जब अपनी आवाज उठाती हैं, तो पीटी जाती हैं। उनको जेल में डाला जाता है। उन पर रासुका की धाराएं लगाई जाती हैं। तो आप सोचिए कैसी सरकार चल रही है। हर जगह बेरोजगारी है, नौजवान बेरोजगार हैं। हम (अन्य राजनैतिक दल) बेरोजगारी की बात नहीं कर रहे हैं चुनाव के समय। यहाँ के जो राजनैतिक दल हैं, जो सरकार चलाते हैं, क्या बात करते हैं – यहाँ आकर धर्म की बात करते हैं, जाति की बात करते हैं, रोजगार की बात नहीं करेंगे। ये आपको नहीं बताएंगे कि रोजगार कैसे दिलवाए हैं या कैसे दिलवाएंगे? कभी नहीं बताएंगे। ये नहीं बताएंगे कि पिछले पांच सालों में इन्होंने कितने रोजगार दिए। क्योंकि दिए ही नहीं, क्योंकि पद खाली पड़े हुए हैं। तो शिक्षा के बारे में आपके लिए सुविधाओं के बारे में कौन सोच रहा है? ये सरकार का काम होता है। सरकार का काम है आपको सुरक्षित रखना और आपके जीवन को अच्छा बनाना।
अगर आप आज भाजपा की पांच साल की सरकार के बारे में सोचें, अपने मन में झांक कर सोचें कि इन्होंने क्या किया आपके लिए – क्या आप आगे बढ़ पाए, क्या आपको जीवन जीने में पहले से कोई आसानी हुई है या आप और भी त्रस्त हो गए? चाहे महंगाई हो, चाहे दूसरी समस्याएं, चाहे हमारे किसान भाई हों। आपने देखा कि कितना आंदोलन किया। यहाँ मैं जानती हूं कि गन्ने का जो बकाया है, उसकी इतनी बड़ी समस्या है। अब आप सोचिए, पूरे देशभर में जो गन्ने का बकाया है, कितना है – 14 हजार करोड़ रुपए, ठीक है। प्रधानमंत्री जी ने अपने लिए दो हवाई जहाज खरीदे, कितने के – 16,000 करोड़ के। प्रधानमंत्री जी के दो हवाई जहाज के खर्चे में पूरा गन्ने का बकाया चुकाया जा सकता था, पूरा हो सकता था, लेकिन उन्होंने क्या चुना – अपने लिए दो हवाई जहाज खरीदे। लेकिन आप ये मीडिया में नहीं देखेंगे। क्योंकि उनकी आलोचना तो मीडिया में होती नहीं है। आप तक ये बातें पहुंचती नहीं हैं। आप जानते हैं कि किसानों को कितनी परेशानी है, कितने त्रस्त हैं। आज खाद नहीं मिलती है, उनको। तमाम मुश्किलें हैं। पेट्रोल-डीजल के दाम जो हैं, इतने बढ़ गए हैं, उससे किसानों पर कितना असर पड़ता है।कोरोना आया, मैं जानती हूं कि कितने लोग उत्तराखंड से दिल्ली में काम करते हैं। किस तरह से उन्हें कांग्रेस पार्टी ने वापस पहुंचाया। मैं जानती हूं कि उनको वहाँ पर भगवान भरोसे छोड़ दिया गया था। एक दिन पहले बताया गया कि अगले दिन लॉकडाउन है। खुद संभालो, कैसे पहुंचोगे। पैदल पहुंचो। हमने कहा कि हम बसों का इंतजाम करेंगे। उत्तर प्रदेश के जो प्रवासी थे, उनके लिए हमने कहा कि हम बसों का इंतजाम करेंगे, उसके लिए भी मना कर दिया गया। आपको मालूम नहीं होगा, लेकिन जो ऑक्सीजन की कमी थी, वो हालात न पैदा होते, क्योंकि हमारा देश दुनिया के सबसे ब़ड़े ऑक्सीजन मैन्युफैक्चरर में से है। हमारे देश में जितना ऑक्सीजन बनता है, वो पूरे देश के लिए काफी था। हर अस्पताल में पहुंच सकता था। 2020 में कोरोना आया, दूसरी लहर 2021 में थी। आपके पास एक साल था, उस एक साल में आपने कोई योजना नहीं बनाई। आपने ऑक्सीजन का निर्यात किया, आपने वैक्सीन का निर्यात किया और जब समय आया तो हिंदुस्तानियों के पास ना वैक्सीन थी और ना ऑक्सीजन और किस तरह से उत्तराखंड के लोगों ने कोरोना को सहा, अपने प्यारों को खोया। ये आप मुझसे बहुत अच्छी तरह से जानते हैं कि आप किन-किन हालातों से गुजरे। तो मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि ठीक है, ये परिस्थितियां आप जानते हैं। आप जानते हैं कि महिला परेशान है, नौजवान परेशान हैं, किसान परेशान हैं, दलित परेशान हैं। जहाँ देखो परेशानी ही परेशानी दिखती है। आप कुछ खरीदने जाते हैं, वो महंगा हो गया है, खरीद नहीं पाते। आपको किसानी करनी है, उसमें कोई सुविधा नहीं है। आपके बच्चों को पढ़ाना है, वो भी नहीं हो पा रहा है। बड़े-बड़े उद्योग बंद हो रहे हैं, बीएचईएल जैसे उद्योगों को बेचने की योजना हो रही है। आप सब देख रहे हैं कि कुछ गिने-चुने मित्र उद्योगपति हैं, जो प्रधानमंत्री जी के दोस्त हैं, करीबी हैं, वही फल- फूल रहे हैं।कल का बजट आपने देखा, कल के बजट में गरीबों के लिए, मिडिल क्लास के लिए क्या था- कुछ भी नहीं। आज सुबह मुझे किसी ने कहा कि हीरे का दाम सस्ता हो गया है। हीरे का दाम सस्ता हो गया और दवा का दाम ज्यादा हो गया, बढ़ गया है। तो आप सोचिए, मैं पूछना चाहती हूं आपसे, आप आंखें कब खोलेंगे? आप सच्चाई कब देखेंगे? जीवन दिख रहा है, हर रोज संघर्ष है, सुबह उठते हैं, संघर्ष है। आज ये परिस्थितियां आ गई हैं कि हम नाच रहे हैं कि 500 रुपए का सिलेंडर होगा, हम नाच रहे हैं, ताली बजा रहे हैं, स्टेज पर बैठ कर ताली बजा रहे हैं। ये नाच-गाने की बात है? क्यों, ये परिस्थिति क्यों आई- आपने सिलेंडर को 1,000 रुपए बना दिया। पहाड़ी में जब तक सिलेंडर पहुंचता है, 2,000 रुपए का मिलता है। तो आज हम खुश हो रहे हैं कि चलो हम कह पा रहे हैं कि हम 500 रुपए का करेंगे। लेकिन असलियत ये है कि ये परिस्थितियां ऐसी हो गई हैं कि आज जो सरकार को आपको देना चाहिए, कोई तोहफा नहीं है, आपका हक है। आज उस हक को मांगने के लिए आपको इतना संघर्ष करना पड़ रहा है। आज एक राजनीतिक दल कांग्रेस पार्टी आपके सामने आकर कह रही है कि हम आपको आपका हक देंगे और आप खुशी से नाच रहे हैं। लेकिन ये आपका हक है, समझ रहे हैं। कोई आप पर अहसान नहीं कर रहा है, कोई अहसान नहीं कर रहा है। जो यहाँ बैठा है, उसको आपने बैठाया है। अब आप आंख खोलिए, आपके जीवन में अगर संघर्ष है, तो उस संघर्ष को मिटाने की जिम्मेदारी हमारी है और हक आपका है।अब आपको सब दिख रहा है। आपको दिख रहा है कि यहाँ की सरकार ने क्या किया आपके लिए। महामारी आई, तब भी आपके साथ नहीं खड़े हुए। महंगाई इतनी हो गई है, उसको बढ़ाए जा रहे हैं। बेरोजगारी बढ़ रही है, उसको सुलझाने की कोई कोशिश नहीं है। यहाँ पास में खनन हो रहा है, उसको कोई नहीं रोकता। बड़े-बड़े उद्योगपति जो करना चाहें, वो कर रहे हैं, गरीब की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। तो बदलाव कौन लाएगा? बदलाव कांग्रेस पार्टी तभी ला पाएगी, जब आप जागरूक बनेंगे। जब आप समझेंगे कि सरकार का काम आपके लिए दिन-रात काम करने का काम है। आपके अगर बच्चों की शिक्षा नही हो रही है, सरकार का काम है कि वो आपको बताएं कि किस तरह से आपके बच्चों की शिक्षा कराएंगे। किस तरह से आपका भविष्य मजबूत करेंगे। किस तरह से, कहाँ से आएंगे ये रोजगार। इसलिए जो घोषणा पत्र बनाया, इसमें हमने कहा है कि हम क्या करना चाहते हैं और मैं पूछना चाहती हूं कि आप हम पर विश्वास क्यों करेंगे – आप सोच सकते हैं कि हम भी दूसरे दलों की तरह ऐसी घोषणाएं कर रहे हैं। लेकिन हमारा ट्रैक रिकोर्ड देखिए। हमारी सरकार का काम देखिए। यहाँ तो आपने देखा इस सरकार के आने से पहले काम हुआ। इसी तरह से जब हमने घोषणा की, छत्तीसगढ़ की सरकार बनने वाली थी, हमने घोषणा की कि वहाँ पर किसानों को कर्ज माफ किया जाएगा। सरकार ने जब शपथ ली, उसके तीन घंटे बाद सारे कर्ज माफ किए गए। तो आपके पास विकल्प है। कांग्रेस पार्टी एक उचित विकल्प है, जो आपके लिए काम करना चाहती है। जिसके नेता आपके लिए संघर्ष करना चाहते हैं। जिन्होंने पांच सालों में आप ही के संघर्ष, आपके साथ खड़े होकर आपके संघर्ष देखे हैं और जो हर बार आप ही की आवाज उठाते हैं, आपके लिए न्याय मांगते हैं। चाहे वो आपके पेंशन की बात हो, चाहे एक्स सर्विसमैन की बात हो, चाहे युवाओं की बात हो, महिलाओं की बात हो, हमेशा कांग्रेस पार्टी आपके साथ खड़े होकर संघर्ष करती है। तो आप ही सोचिए कि अगर आपको अपना जीवन बदलना है, परिवर्तन लाना है और एक ऐसी सरकार लानी है, जो आपके लिए काम करे, तो आपको मन बनाना पड़ेगा। आपको ये तय करना पड़ेगा कि इस चुनाव में विकास की बात होनी चाहिए। जो राजनैतिक दल आकर धर्म के बारे में, जाति के बारे में बात करते हैं, उनसे पूछिए कि मेरे विकास के बारे में क्या कह रहे हो? उनसे पूछिए कि तुमने पांच सालों में मेरे लिए क्या किया? क्यों दूँ, अपना कीमती वोट तुमको? क्या किया है, मेरे जीवन को सुधारने के लिए, तो इन बातों से आप गुमराह मत होइए। इन बातों को करने से सिर्फ और सिर्फ कुछ राजनैतिक दलों का फायदा होता है, पब्लिक का कोई फायदा नहीं होता। कभी फायदा नहीं होता। जब फूट होती है, जब देश के लोगों को आपस में लड़ाया जाता है, आप परिवार के बारे में सोचिए, आपका परिवार है। तीन भाई हैं। आपका कारोबार अच्छी तरह से चल रहा है, तीनों इकट्ठे काम कर रहे हैं, खुशी से, आगे बढ़ रहा है परिवार और किसी ने फूट डाल दी, लड़ाई शुरु हो गई, क्या आप आगे बढ़ पाएंगे? जब घर का मुखिया ही लड़ाई कराए, तब क्या होगा? परिवार का नाश होगा। कभी आगे बढ़ नहीं सकता है, ऐसा परिवार। तो जो आपके सामने आकर ऐसी बातों करते हों, जो नकारात्मक बातें हैं, उनसे आप अपना हक मांगिए। उनसे कहिए, सकारात्मक बातें करिए, विकास की बातें करिए, शिक्षा, सुविधा, स्वास्थ्य, रोजगार इनकी बातें करिए। बताइए, हमारे लिए आप क्या करेंगे, तभी आपको वोट मिलेगा। तो मन बना लीजिए। ये ऐसा चुनाव है, जिसमें आप उत्तराखंड का भविष्य बदल सकते हैं। आपका अपना अभिमान है, स्वाभिमान है। अपने स्वाभिमान को मत भूलिए और जब भी आपके सामने एक नेता आए, किसी भी पार्टी का हो, उससे ये पूछिए कि वो क्या करने जा रहा है, आपके लिए? और जब तक करके नहीं दिखाएगा, तब तक दोबारा अपना वोट उसके पक्ष में मत दीजिए। ये बातें करना चाहती थी, मैं आपसे। मैं आपसे कहना चाहती थी, कि ये जो आपको वोट है, ये बहुत महत्वपूर्ण है। इसको हल्के में मत लीजिए। किसी ने कुछ कह दिया कि ये ले लो, वोट दे दो। किसी ने बहका दिया, किसी ने कह दिया कि जाति के आधार पर दे दो, धर्म के आधार पर दे दो, बहकना मत। आप अपना हक मांगो और अपने हक के आधार पर अपना वोट दो। तभी आप आगे बढ़ोगे, तभी आपका प्रदेश आगे बढ़ेगा, तभी आपका देश आगे बढ़ेगा और तभी उन नेताओं को एहसास होगा कि आपके सामने जो झूठ बोलते हैं, जो आपको गुमहार करने का काम करते हैं कि उनकी बात अब नहीं चलने वाली। तो अब समय आ गया है, खासतौर से मैं अपनी बहनों को कहना चाहती हूँ। आप लड़की हो, लड़ सकती हो। अपने हक के लिए लड़ सकती हो। आपका हक है, ये सब। आप बच्चों को पालते क्यों हैं? आप उनकी परवरिश क्यों करते हैं, क्योंकि आपके दिल में ये आशा है न कि बड़े होकर कुछ बनेंगे, बड़े होकर सबकी देखभाल करेंगे, उनका भविष्य मजबूत बनेगा। आप नहीं चाहते कि आपकी तरह संघर्ष करें, तो इसलिए लड़िए, अपने हक के लिए लड़िए, अपने बच्चों के भविष्य के लिए लड़िए और सबसे बड़ा औजार, सबसे बड़ा हथियार आपका वोट है। सबसे बड़ा हथियार है, सबसे बड़ा औजार है, इसका इस्तेमाल करिए, ध्यान से, विवेक से और जिम्मेदारी से, क्योंकि चुनाव आने वाला है, ये सब बातें करनी थी आपसे।
इसके साथ-साथ मैं आपको ये भी बताना चाहती हूँ कि हमारे घोषणा पत्र में हमने क्या-क्या लिखा है, क्योंकि ये बहुत जरुरी है कि जैसा मैंने कहा कि हर पार्टी आपको बताए कि आपके लिए करना क्य़ा चाहती है। तो हमारे घोषणा पत्र में हमने लिखा है कि रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें 500 रुपए से पार नहीं होंगी। तो अगर ये रसोई गैस सिलेंडर आपको आज हजार रुपए का मिल रहा है, सरकार आपको 500 रुपए में देगी और बाकी भरपाई सरकार करेगी। 4 लाख रोजगार दिलवाए जाएंगे। पर्यटन को बहुत बढ़ावा दिया जाएगा। आप सबको तो मालूम ही है कि यहाँ पर कोरोना की वजह से, लॉकडाउन की वजह से पर्यटन का बहुत नुकसान हुआ है, तो इसके लिए एक खास पैकेज बनाए जाएंगे और पर्यटन पुलिस पर भर्ती से रोजगार बढ़ाए जाएंगे। तो पर्यटन पुलिस एक अलग फोर्स बनेगी, जिसमें और रोजगार पैदा किए जाएंगे। 40 प्रतिशत सरकारी रोजगार में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ये सब हमारे यूपी के घोषणा पत्र से आपने लिया। तो इसको पढ़कर तो मुझे बहुत खुशी हो रही है। पुलिस विभाग में 40 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। सरकारी बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा मिलेगी। मेरी आशा और आंगनबाड़ी की बहनों के लिए, उनका मानदेय डेढ़ गुना बढ़ाया जाएगा। कमजोर परिवारों की मदद के लिए, खासतौर से उन परिवारों के लिए, जिन्होंने सबसे ज्यादा कोरोना की वजह से जिन्होंने सहा है और कोरोना की मार सबसे ज्यादा सही है, उनके लिए 40 हजार रुपए की मदद सालाना मिलेगी और स्वास्थ्य सेवाएं, जो हैं, वो गांव-गांव तक पहुंचाई जाएंगी। आज इसमें मैं पूछ रही थी की कैसे करेंगे, तो मुझे बताया जा रहा था कि नई-नई तकनीक है, आजकल आधुनिक तकनीक है, उनका इस्तेमाल किया जाएगा और आप बता रहे थे मुझे, शायद देवेंद्र जी बता रहे थे कि ड्रोन्स के जरिए भी दवाईयों को पहाड़ी इलाकों में पहुंचाना, इसकी पूरी योजना बनाई है। तो ये कुछ प्रतिज्ञाएं हैं, जो हमारे घोषणा पत्र में लिखी गई हैं और मैं प्रतिज्ञा शब्द इसलिए इस्तेमाल कर रही हूँ, क्योंकि इनका मतलब है कि इनको पूरा किया जाएगा, लेकिन पूरे घोषणापत्र को भी जरुर पढ़िए। इसमें हर व्यक्ति के लिए कुछ है। किस तरह से हम करना चाह रहे हैं, पूरा खाका तैयार है, और हम चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग पढ़ें और समझे कि कांग्रेस की सरकार आपकी समस्याओं को सुलझाने के लिए बनेगी और आपकी समस्याओं को सुलझाने के लिए दिन-रात काम करेगी।