अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत आज केंद्रीय मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए क्या कहा , सुने उन्हीं की जुबानी इस लाइव वीडियो में।
आप ये वीडियो फेसबुक व वेबसाइट पर भी सुन सकते हैं।
श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा- आप सबको हमारा नमस्कार। रायपुर का अधिवेशन खत्म हुआ और आपसे हम लोग मुखातिब हैं और आशय ये है कि कुछ जरूरी बातें आपके साथ साझा की जाएं, क्योंकि जब चीजें होती हैं, तो कई बार एक bird’s eye view, एक ब्रॉडर परस्पेक्टिव नहीं मिल पाता है और इसलिए यहाँ पर बताना जरूरी है कि किसी भी संस्थागत लोकतंत्र में, किसी भी इंस्टीट्यूशनल डेमोक्रेसी में, किसी भी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी में जो 75 साल से हमारे देश को संभाले और संजोये हुए हैं, उसमें जीता-जागता, एक जागरुक, एक प्रखर विपक्ष लोकतंत्र का स्तंभ होता है। लोकतंत्र में एक जीता-जागता प्रखर और प्रमुख विपक्ष बहुत जरूरी होता है, लोगों तक लोकतंत्र जीवित रखने के लिए और वही काम 2014 से हम कर रहे हैं। 2019 से कांग्रेस पार्टी ने क्या-क्या किया है, एक प्रखर, प्रमुख, जीते –जागते, वाइब्रेंट अपोजिशन को बने रहने के लिए, उसके कुछ स्टेप्स हैं और वो स्टेप्स हम लगातार ले रहे हैं, लेकिन मेरा आशय है कि आज हम एकसाथ उसको आपके साथ साझा करें। तीन बड़ी चीजें कांग्रेस ने की हैं। पहला- हमारे यहाँ एक बहुत सक्सेसफुल सक्सेशन प्लानिंग हुई है, लोकतांत्रिक तरीके से। ये कोई भी और पार्टी अपने दिल पर हाथ रखकर नहीं कह सकती है, 8 बजे जहाँ रात को एक प्रेस रिलीज आ जाती है, हमारे यहाँ लोकतांत्रिक तरीके से सक्सेशन प्लानिंग होकर एक अध्यक्ष चुने गए, उदयपुर चिंतन शिविर में जिन चीजों के बारे में बात की गई, वो क्रियान्वित की गई, लेकिन उससे पहले ये बताना जरूरी है कि अध्यक्ष चुने गए। दूसरा, हमने सरकार को, क्योंकि पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी है, सदन के अंदर हर उस मुद्दे पर मजबूर किया घुटने टेकने पर, जो इस देश के हित में होना चाहिए। वो मुद्दा चाहे सीएए हो, वो मुद्दा चाहे फार्म लॉ हो और उसके बारे में भी हम बात करते हैं और तीसरा बड़ा काम हमने किया कि हमने दुनिया का सबसे मास कॉन्टेक्ट प्रोग्राम किया, हम सड़कों पर उतरे, चाहे वो गरीबी हो, चाहे वो असमानता हो, चाहे वो इन्फ्लेशन हो, चाहे वो बेरोजगारी हो, चाहे महंगाई हो, किसी के भी खिलाफ हो, लेकिन भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से हमने दुनिया का सबसे बड़ा मास कॉन्टेक्ट प्रोग्राम क्रियांवित किया। बड़ी चीजों में पार्लियामेंट के अंदर, पार्लियामेंट के बाहर, सड़कों पर हमने लोकतांत्रिक तरीके से व्यापक जनहित के मुद्दों को उठाया। उदयपुर चिंतिन शिविर में आपको याद होगा, मई 2020 में भारत जोड़ो यात्रा की बात कही गई थी और चार- पांच महीनों के अंदर वो यात्रा सक्सेसफुली शुरू हुई और सबने उसका प्रभाव देखा। लेकिन पहले मुद्दे से बात करना शुरू करते हैं और ये पहला मुद्दा है लोकतांत्रिक तरीके से एक अध्यक्ष का चुनाव और ये मैं पूरे गर्व के साथ कह सकती हूं कि कांग्रेस के अलावा कोई भी ऐसा दल नहीं है, चाहे वो सत्तारुढ़ भाजपा हो या कोई भी ऐसा दल हो, जो ये कह सके कि 9,000 चुने हुए डेलिगेट्स ने, लोकतांत्रिक तरीके से एक अध्यक्ष का चुनाव किया। वो अध्यक्ष जो कि ब्लॉक प्रेसीडेंट से उठकर कांग्रेस के अध्यक्ष बने,मल्लिकार्जुन खरगे जी और उनके चुनाव के माध्य़म से हमने एक ऐसे शोषित, वंचित दलित वर्ग को प्रमुखता दी, प्रधानता दी, जो कि जरूरी है और कोई भी अन्य पॉलिटिकल पार्टी इसका श्रेय नहीं ले सकती, इसका डंका नहीं पीट सकती और ये जरूरी था। राहुल जी के इस्तीफे के बाद हमारी अंतरिम अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी रही और उसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे जी का चुनाव एक जीते-जागते लोकतंत्र में एक प्रखर विपक्ष का सबूत है। तीसरा, हमने सरकार को अकाउंटेबल बनाया सदन में और ये कोई आम बात नहीं कि सरकार ने सीएए कानून तो पारित कर दिया, लेकिन कानूनी रूप में अभी तक उसे नॉटिफाई नहीं कर पाए हैं। ये कोई आम बात नहीं है, हाँ, इस देश के किसान ने शहादत दी। हाँ, इस देश के किसान ने सरकार को मजबूर किया, लेकिन उनके साथ मजबूती से खड़े रहने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया और सरकार को अंततोगत्वा घुटने टेकने पड़े और तीनों काले कानून कृषि के वापस लेने पड़े और ये हमने तब किया और ऐसे तमामों कानून हैं, जिन पर उनको हमने मजबूर किया। इतनी ब्रूट मैज्योरिटी होने के बावजूद भी, और ये तब हो रहा है जब सदन में चुने हुए सांसदों को बाहर फेंक दिया जाता है। जब सदन में पूरे-पूरे सेशन के लिए चुने हुए सांसदों को छोटी-छोटी बातों के लिए संस्पेंड कर दिय़ा जाता है। जब बोलते वक्त माइक बंद कर दिया जाता है सांसदों का। जब बड़े-बड़े स्पीच में से वो अंश निकाल दिए जाते हैं, जो मोदी जी को सूट नहीं करते, अभी जैसा हुआ, चाहे राहुल जी का वक्तव्य हो, चाहे खरगे जी का भाषण हो और ये सब हमने तब किया, जब अनपार्लियामेंट्री लिस्ट इतनी लंबी होती जा रही है, क्योंकि हर वो विशेषण, हर वो शब्द, जो आपको मोदी सरकार के खिलाफ बोलना चाहिए, वो अनपार्लियामेंट्री हो गया है। जुमला भी अनपार्लियामेंट्री है। जुमलेबाजों ने जुमलों में कमी नहीं की और जुमले को भी अनपार्लियामेंट्री बना दिया। ऐसे वक्त में सदन में हमने सरकार को लगातार घुटने टेकने को मजबूर किया है और ये हमारी बहुत बड़ी उपलब्धि है और अब हम बात करते हैं, क्योंकि किसी भी लोकतंत्र में सदन से सड़क तक की लड़ाई ही लोकतंत्र को जीवित रखती है। सदन की लड़ाई के बारे में मैंने आपसे चर्चा की, अब सड़क की बात कर लेते हैं।हमने बार-बार सड़क पर उतर कर चाहे महंगाई के खिलाफ हल्ला बोला हो, चाहे बेरोजगारी के खिलाफ हो, चाहे महिला सुरक्षा पर हो, चाहे अराजकता पर हो, चाहे सीएए के खिलाफ हो, चाहे काले तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो, लगातार सड़क पर उतर विपक्ष की प्रमुख आवाज बनकर हमने सरकार के घुटने टिकवाए हैं और ये सच है कि ऐसा करते वक्त हमारे खिलाफ एजेंसियों को बेलगाम छोड़ा गया। निरंकुश पुलिस ने हमारे कार्यकर्ताओं के साथ ही नहीं, हमारे शीर्ष नेतृत्व के साथ भी बर्बरता की, लेकिन ना उनकी एजेंसी हमें डरा सकती है और ना उनकी नपुंसक पुलिस हमें डरा सकती है। हम लगातार अपनी आवाज उठाते रहे, लेकिन आवाज उठाने की जो लंबी लकीर राहुल गांधी जी ने खींच दी, इस देश की राजनीति में और शायद विश्व की राजनीति में, वो अपने आपमें एक कीर्तिमान है और हाँ, मैं बात कर रही हूं, ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की। आपको याद होगा, उदयपुर के चिंतन शिविर 2022 मई में, ये संकल्प लिया था कि हम एक भारत जोड़ो यात्रा शुरू करेंगे, 7 सितंबर, 2022 को वो यात्रा शुरू हुई और 30 जनवरी, 2023 को उसका समापन कश्मीर में हुआ। कन्याकुमारी से कश्मीर तक की ये यात्रा, करीब 4,000 किलोमीटर पदयात्रा 12 राज्यों, दो यूनियन टेरिटरी से होते हुए गुजरी और इस यात्रा में हमारे साथ लाखों-करोड़ो लोग जुड़े और वो लोग जुड़े जिन्होंने कहा कि हम एक आदमी के मन की बात सुनकर तंग आ चुके हैं। कोई तो है जो सड़कों पर उतरकर, पैदल चलकर हमारी बात सुनने को तैयार है।लोगों ने हमसे बात की, बेरोजगारी के खिलाफ। लोगों ने हमसे बात की महंगाई के खिलाफ। लोगों ने हमसे बात की पुलिस की बर्बरता के खिलाफ। लोगों ने हमसे बात की संवेदनहीन बन गई सरकार के खिलाफ। लोगों ने हमसे बात की कि कैसे सामाजिक ताना-बाना तोड़ा जा रहा है और उसके क्या परिणाम हैं, उसके बारे में और ये सब बातें सुनते हुए राहुल गांधी जी ने तमामों लोगों के आंसू पोंछे। तमामों युवाओं का हौसला फिर से जोड़ने की कोशिश की, जिनके सपने बिखर चुके हैं और इसलिए भारत जोड़ो यात्रा is the biggest mass contact program, that anyone, anywhere has seen. और भारत जोड़ो यात्रा ने इस देश के सामने एक वो परिकल्पना दी, जो मोदी सरकार की परिकल्पना से बिल्कुल जुदा हैं। जहाँ परआप सहभागी है, जहाँ पर आपकी भागीदारी है, जहाँ पर आपकी बात सुनी जाएगी, जहाँ पर आपके आंसू पोंछे जाएंगे, जहाँ पर आपकी नौकरी, आपकी आर्थिक असमानता, आपकी महंगाई से जूझते हुए तकलीफों के बारे में बात की जाएगी।कांग्रेस ने लगातार लोगों की बात सुनकर कानून बनाए और मैं 2004 से 2014 की बात तो अभी करुंगी, लेकिन अपनी प्रेजेंट सरकारों की ओल्ड पेंशन स्कीम, पुरानी पेंशन स्कीम पर बड़ी एक समस्या से लोग जूझ रहे थे। हमारी सरकारों ने ये सुनिश्चित किया, चाहे वो राजस्थान हो, छत्तीसगढ़ हो, हिमाचल हो कि ओपीएस लाया जाए क्योंकि लोग ये चाहते हैं , ये सरकार का काम है कि आप पैसा कहाँ से जुगाड़ेंगे, आप स्कीम कहाँ से लाएंगे, लेकिन अगर लोग ये चाहते हैं कि वो स्कीम आए, तो वो स्कीम आएगी। चाहे हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम राजस्थान की हो या अभी 500 रुपए में सिलेंडर देने का ऐलान जो उन्होंने किया हो या छत्तीसगढ़ की न्याय योजना हो और तमामों ऐसी कृषि से संबिधित योजनाएं, जो वहाँ पर जोड़ी गई, जो सबसे ज्यादा खरीद की गई। हमारी सरकारों ने लगातार ऐसा काम किया है।कांग्रेस पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है और ये मैं गर्व के साथ कहती हूं कि राहुल गांधी जी के नेतृत्व में और खरगे जी के हौसले के चलते कांग्रेस पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है कि जब अडानी के स्कैम के बम फूट रहे हों और लोग बगले झांक रहे हों, हम लगातार सरकार को जवाबदेह बनाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। हम लगातार ये सवाल पूछ रहे हैं कि एक समूह के खिलाफ गंभीर, संगीन आरोप हैं, स्टॉक मैनिपुलेशन के, बेनामी पैसा देश में लाने के, जिनको आपने एकाधिकार दिया है, एकछत्र राज दिया है पोर्ट में, एयरपोर्ट में, एग्रीकल्चर में, कृषि में, खाद्य में, आपने उनको एकछत्र राज दिया है, सीमेंट में, रिन्यूबल एनर्जी में, डिफेंस में, तो बात तो आपको करनी पड़ेगी, आपको सवाल का जवाब देना पड़ेगा। 2 घंटे 40 मिनट तक मोदी जी सदन में बोलते हैं और एक शब्द नहीं उगलते हैं अडानी का ‘अ’ तक नहीं बोल पाते। हम मजबूर करेंगे उनको कि उनको सवालों का जवाब देना पड़ेगा। आप भले ही राहुल जी की स्पीच के 18 अंश एक्सपंज कर दीजिए। आप भले ही खरगे जी की स्पीच के कितने ही अंश एक्सपंज कर दीजिए।ये सवाल तो आज देश पूछ रहा है कि आपका रिश्ता क्या है और क्या कर रहे हैं आप इसके बारे में और मुझे फख्र है, ये कहते हुए कि कांग्रेस ने अनकंप्रोमाइजिंग, बिना डरे, बेखौफ, निडर, आंख में आंख डालकर सवाल पूछने का काम किया, जिन सवालों का जवाब आपके पास नहीं है और उत्तर में आप कांपते हुए हाथों से पानी पीते हैं, क्योंकि आपको डर लगता है हमारे सवालों से।अंत में मैं बात करूंगी और ये बहुत जरुरी बात है। हमारे रायपुर के प्लेनरी सेशन की, जो 85 वाँ महाधिवेशन रायपुर में हुआ, मैं उसकी बात जरूर करना चाहती हूं। रायपुर के इस महाधिवेशन ने एक नई आधारशिला पार्टी की तो रखी ही, जिसमें ज्यादा भागीदारी दलित, आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं की तो रही ही, साथ ही युवाओं के लिए एक बहुत अंनप्रिसिडेंटेड है, जो उदयपुर में पास हुआ और रायपुर ने इसको रेक्टिफाई किया, रायपुर ने इस पर अपनी मुहर लगाई।कांग्रेस पार्टी 50 प्रतिशत पोजीशन अक्रॉस दी पार्टी 50 साल से कम लोगों के लिए रखेगी, 50 अंडर 50, तो ये एक नई आधारशिला, एक नई प्रखर, एक ज्यादा युवा, एक ज्यादा एजायल कांग्रेस की तो रखी ही गई, हमने साथ ही अपना कमिटमेंट रिन्यू किया और ये संकल्प लिया और ये एक आधारशिला और भी रखी, नींव रखी नए मास कांटेक्ट प्रोग्राम की, भाजपाईयों की, बीजेपी-आरएसएस की विभाजनकारी विचारधारा के खिलाफ और कैसे हम लाइकमाइंडेड पार्टियों के साथ आकर भारत को और मजबूत, भारत को और यूनाइटेड, एकजुट रखने की बात करेंगे।आने वाले महीनों में कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम जैसी राज्यों में चुनाव हैं और हमारी प्लेनरी ने, हमारे महाधिवेशन में ये संकल्प लिया गया है कि हम पूरी शिद्दत से, पूरी ईमानदारी से लोगों के पास जाएंगे, उनको अपने एजेंडे के बारे में बताएंगे और सरकार ने क्या-क्या गलत काम किए, उसके बारे में और प्रखर होकर, पूरी मजबूती से ये चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि ये सच है कि 2004 से 2014 के बीच में 27 करोड़ लोगों को गरीबी की रेखा से बाहर निकालने का काम कांग्रेस पार्टी ने किया। ये सच है कि 2004 से 2014 के बीच के दशक में तमामों ऐसे अधिकार कांग्रेस की सरकार ने दिए, चाहे वो राइट टू फूड हो, चाहे वो राइट टू एजुकेशन हो, चाहे वो राइट टू इन्फॉर्मेशन हो, चाहे वो मनरेगा हो, चाहे वो जल, जंगल का अधिकार हो, जिसको बार-बार तोड़ने का, क्षीण करने का काम भाजपा की सरकार कर रही है।हमने ये संकल्प लिया है कि जब हम सत्ता में आएंगे तो हम संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा की बात करेंगे, हम न्याय की बात करेंगे। हम बात करेंगे यूनिवर्सल राइट टू हेल्थ की सबको स्वास्थ्य का अधिकार मिले और जब हम आगे की ओर देख रहे हैं और आने वाले महीनों में महत्वपूर्ण चुनाव हैं, प्रमुख चुनाव हैं और एक साल में जनरल चुनाव हैं मैं आपको दावे के साथ कह सकती हूं कि हम अपनी कोई छाती पीटकर फालतू के दावे, फालतू के जुमले नहीं करेंगे। पर ये जरूर कह सकते हैं, ये दावा जरूर कर सकते है कि प्रखरता से देश के लोगों की आवाज बनेंगे, सरकार को अभी तक जिस तरह से हमने मजबूर किया है, एंटी पीपल लॉ वापस लेने के लिए, वो काम करेंगे और ये संकल्प है कि इस देश को और मजबूत और एकजुट बनाकर ही मानेंगे।
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