डॉ अजय कुमार, प्रभारी (नागालैंड), के. थेरी, अध्यक्ष, नागालैंड पीसीसी और रणजीत मुखर्जी, सचिव, एआईसीसी, ने आज एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया।
अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: डॉ अजय कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा आज की प्रेस कांफ्रेंस नागा समस्या के समाधान के विषय में है। एक मशहूर हिंदी गाना है, झूठ बोले, कौवा काटे और इस संदर्भ में मैं प्रेस को सम्मान औऱ एक सकारात्मक रूप में कौआ बोल रहा हूँ, इसको गलत मत लीजिएगा, लेकिन ये उम्मीद हमेशा रहती है कि प्रेस और आप सब, यहाँ पर जो उपस्थित लोग हैं, बहादुर पत्रकार हैं, लेकिन आपके ऊपर जिस तरह से दबाव है हमेशा, मैं समझता हूँ, पर हम ये उम्मीद करते हैं कि किसी दिन इस तरह का दबाव आपके ऊपर से हट जाएगा।
लगातार मोदी जी और भाजपा इस देश के सामने ड्रामेबाजी, झूठ, दुष्प्रचार के माध्यम से जनता को गुमराह कर रही है। अब आपको याद होगा, मैं एक फोटो दिखाना चाहता हूँ, ये फोटो है, 3 अगस्त, 2015 का। प्रधानमंत्री जी भाषण दे रहे हैं। आपको याद होगा, उस दिन सभी टीवी चैनलों में हैड लाइन ऐसे चल रही थी कि ऐतिहासिक, 70 साल में कुछ नहीं हुआ। पृथ्वी तो छोड़ दीजिए, मंगल ग्रह तक ये लोग पहुंच जाएंगे। अब तो मोदी जी की उपलब्धियाँ जिस तरह से हम लोग दर्शाते हैं, तो नागा समस्याओं के समाधान के बारे में मोदी जी ने 3 अगस्त, 2015 में एक बहुत बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था, उनके निवास पर और आपको बताया गया था कि नागा समस्या का समाधान हो गया है। वैसे समाधान, जिसकी कोई प्रतिलिपी कहीं पर भी उपलब्ध नहीं है, प्रेस के ऊपर दबाव तो मैं समझ सकता हूँ, अब तो ये रिपोर्ट भी नहीं कर सकते कि क्या समाधान है।
2015 से 2022 तक आप लोगों को सार्वजनिक रुप से सरकारी अधिकृत रुप से किसी को नहीं मालूम है कि ये क्या एग्रीमेंट है। भारत सरकार और एक प्रदेश के बीच में जो समझौता हो रहा है और उनके जो संबंधित संगठन हैं, नागा आर्म्ड ग्रुप और एनएससीएन(आईएम) और उनके अलग-अलग आर्म्ड ग्रुप्स जो नागालैंड में हैं, उनके साथ भारत सरकार समझौता करती है औऱ आपको नहीं मालूम है कि क्या समझौता हुआ है। क्योंकि ये ढोंगी राष्ट्रवादी देश के आंतरिक और देश की सुरक्षा के लिए सचमुच में खतरनाक है। इनके लिए चुनाव जीतना जरुरी है, अगर चुनाव जीतेंगे और देश खतरे में भी चला जाए, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, चुनाव जीतना चाहिए।
इस प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से मैं बताना चाहूँगा कि इस देश में, इस तरह से देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किसी सरकार नें नहीं किया, जितना मोदी जी की सरकार ने किया है। नागालैंड इस देश का एक बहुत ही खूबसूरत और बहुत ही महत्वपूर्ण प्रदेश है। इंटरनेशनल, अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर भी है, वहाँ के लोग, वहाँ की संस्कृति वहाँ की भाषा, वहाँ के हैंडलूम आप देख लीजिए, उस प्रदेश में लगातार जब कांग्रेस की सरकार रही और अन्य सरकारों के समय पर 25 साल से लगातार कांग्रेस पार्टी और बाकी सरकारों ने भी यह सुनिश्चित किया था कि वहाँ पर सीज फायर बरकरार रहेगी। 3 अगस्त को मोदी जी ने एक बड़ी प्रेस कांफ्रेंस बुलाई, उस प्रेस कांफ्रेंस के बारे में मैंने आपको बताया। उसमें एनएससीएन(आईएम) के मुईवा जी उपस्थित थे, राजनाथ जी थे, डोभाल जी थे और भारत सरकार की तरफ से आरएन रवि साहब थे, जो वर्तमान में राज्यपाल हैं, तमिलनाडु के।
उस वक्त यह बताया गया था कि हमने 60 साल की समस्या का समाधान किया है। उसके बाद नागा सिविल सोसाइटी ने एक नागा पॉलिटिकल ग्रुप का गठन किया था। नागा पॉलिटिकल ग्रुप, क्योंकि इसमें थोड़ा सा मैं विस्तार में इसलिए जा रहा हूँ, क्योंकि ये बहुत ही महत्वपूर्ण बात है औऱ ये देश की सुरक्षा और देश की अखंडता से संबंध रखता है। तो नागा पॉलिटिकल ग्रुप ने एक जो वर्किंग कमेटी बनाई थी, नागा पॉलिटिकल ग्रुप ने 17 नवम्बर, 2017 में साइन किया था कि ये जो समाधान प्रधानमंत्री जी बोल रहे हैं, राजनाथ जी बोल रहे हैं और डोभाल जी बोल रहे हैं, इसको जल्द से जल्द लागू किया जाए। 31 अक्टूबर, 2019 में रवि साहब बोलते हैं कि हमने समाधान कर दिया, प्रॉब्लम सॉल्व। मोदी जी हैं, तो मुमकिन है, सॉल्व। किसी को नहीं मालूम कि वो कागज क्या है, क्या सोलूशन है, देश पर क्या प्रभाव पड़ेगा, कोई चर्चा नहीं। उसके बाद 7 पार्लियामेंट्री एमएलए, क्योंकि नागालैंड में विचित्र स्थिति है, पूरे 60 के 60 सरकार में हैं, एक ही अपोजीशन पार्टी है, वो कांग्रेस पार्टी है, वो बाहर है। 60 MLAs belong to the government of Nagaland. इन्होंने ये कहा था कि ये जो एग्रीमेंट हुआ है, उसमें एनडीपीपी, बीजेपी, एनपीएफ, ये सब लोग हैं, यूडीए गवर्मेंट है। उन्होंने कहा था कि आपको जिस नागा समस्या का समाधान हो चुका था, Naga solution should be implemented, we approve it. नलिन कोहली जी, बीजेपी के जो इंचार्ज हैं, वो पहुंचते हैं, दीमापुर और वो एग्रीमेंट करते हैं, Seat arrangement between Rio Ji ki party and BJP. कोई चर्चा नहीं है एग्रीमेंट की, क्योंकि बीजेपी को नागालैंड या देश से कोई मतलब नहीं है। सिर्फ चुनाव जीतना है। अगर वो चुनाव जीतेंगे और देश हारेगा, तो कोई समस्या नहीं है।नलिन कोहली जी जाते हैं और एक समझौता करते हैं, उसके बाद यह कहते हैं कि नागा समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन 2015 में माननीय प्रधानमंत्री जी ने तो बोल दिया कि समस्या का समाधान हो गया है, तो नलिन कोहली जी क्या बोल रहे हैं कि होने वाला है। तो आप जान सकते हैं, कि पिछले 7 साल में टीवी चैनल से लेकर पत्रकार लोगों को बुला-बुलाकर आपको गुमराह कर रहे थे, ये प्रधानमंत्री जी और ये भारत सरकार। आपने भी छापा, सब लोगों ने हैडलाइन छापे। टीवी के हैडलाइन पर प्रश्न चिन्ह। क्या 60 साल में इस तरह की समस्या का समाधान हुआ कि नहीं? सब हैडलाइन चली, अभी तक समस्या का समाधान न हुआ है, न आपको जानकारी है, न हमको जानकारी है। एनएससीएन(आईएम) ने उस कागज को लीक किया है, लेकिन सरकार ने सार्वजनिक नहीं किया है।
अब दूसरी तरफ, मैं आपको इतिहास में थोड़ा ले जाना चाहता हूँ। असम एकॉर्ड 15 अगस्त, 1985, राजीव गांधी जी के नेतृत्व में हमने साइन किया था, उस एकॉर्ड के बाद हम चुनाव हार गए। असम गण परिषद की सरकार वहाँ पर गठित की गई, 1985। 1996 में फिर से हारी कांग्रेस पार्टी, क्योंकि कांग्रेस पार्टी हमेशा देश के बारे में सोचती है, हमको मालूम था कि उस एकॉर्ड से हम हारेंगे, चुनाव, लेकिन मोदी जी चुनाव हारने के लिए तैयार नहीं हैं। भारत को कुछ भी हो जाए, लेकिन बीजेपी चुनाव न हारे। दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी, असम एकॉर्ड साइन करके, समझौता करके, हम चुनाव हारे, हमको मालूम था कि हम चुनाव हारने वाले हैं, लेकिन देश सर्वोपरि है। देश सर्वोपरि है, लेकिन not for Mr. Modi.
5 अगस्त को, इस साल के नागालैंड पीपल कमेटी ने एक बहुत बड़ा प्रदर्शन किया था, दीमापुर में और उनकी मांग रही है कि जल्द से जल्द नागा समस्या का समाधान हो। वही समस्या का समाधान जो मोदी जी ने कहा था कि 2015 में उन्होंने कर दिया है। अमित शाह जी अब बोलते हैं कि 2024 के बाद नॉर्थ-ईस्ट की समस्या का समाधान होगा। तो मैं आप लोगों से एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ कि इस देश के टीवी रिपोर्टर्स औऱ अखबार के मान-सम्मान का इस सरकार को कोई ध्यान नहीं है? आप सब लोगों ने तो रिपोर्ट कर दिया कि मोदी सरकार ने समस्या का समाधान कर दिया है। क्योंकि इन्होंने समस्या का समाधान नहीं किया, प्रॉब्लम क्या है? वन नेशन, वन टैक्स आप लोगों ने सुना, मोदी जी का भाषण? नागालैंड में वन स्टेट- 18 टैक्स हैं। 18 टैक्स को आर्म्ड ग्रुप्स के माध्यम से वहाँ की जनता के ऊपर बीजेपी लगाती है। वन नेशन, वन टैक्स तो छोड़ दो भाई साहब, वन स्टेट 18 टैक्स हैं, फिरौती।
दूसरा सबसे बड़ा आरोप मैं आप लोगों को बताना चाहता हूँ इस समस्या का समाधान क्यों नहीं हुआ और ये ध्यान से सुनिए, ये देश के खिलाफ एक बहुत बड़ा षड़यंत्र है, वर्तमान मुख्यमंत्री जी, जो बीजेपी के अलाई हैं, उनका पूरा राजनैतिक संरक्षण एनएससीएन(आईएम) से है। सुन लीजिए, गंभीरता से, इस बात को, नोटेड डाउन वैरी सीरियसली। उनके पूरे चुनाव में एनएससीएन(आईएम), वो लोग मदद करते हैं, चुनाव जीतने में। मेरे साथी रंजीत जी भी हैं, हाल में एक प्रदेश में चुनाव हुआ था, उसमें पूरी सीट पर इस संगठन के दुष्प्रभाव से बीजेपी चुनाव जीती। विस्तार में आपको बता सकते हैं। तो इस देश की अखंडता के खिलाफ चलने वाला संगठन भाजपा और उनके सहयोगी दल, रियो जी का दल, मुख्यमंत्री जी के दल को सहयोग करके चुनाव जितवाते हैं, इसलिए समस्या का समाधान नहीं हो रहा। क्योंकि बीजेपी के लिए चुनाव जीतना ज्यादा महत्वपूर्ण है, देश से कोई मतलब नहीं है।
आपने सरदार पटेल को कभी सुना है देशभक्ति-देशभक्ति बोलते हुए या हम देश भक्त हैं? आने गांधी जी को कभी सुना था कि हम देशभक्त हैं? आपने नेहरू जी को कभी सुना था? ये ढोंगी राष्ट्रवादी छत पर चिल्लाते रहते हैं कि हम देशभक्त हैं, ये प्रॉब्लम है। क्योंकि एनएससीएन(आईएम) के माध्यम से, एक आर्म्ड ग्रुप के माध्यम से ये चुनाव जीतना चाहते हैं, फिर से 2023 में। इसीलिए समझौता नहीं हो रहा है। समाधान नहीं हो रहा है। So, here is a government which is connivance to win election to armed groups. आप लोकतंत्र की बात कर रहे हो, ये नागालैंड में सरकार बनाकर लूटने से मतलब है, देश से कोई मतलब नहीं है, इसलिए समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।
मेरे 6 सवाल हैं-
1. क्या भारत सरकार और यूडीए गवर्मेंट नागालैंड में जानबूझकर इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं, ताकि वो एनएससीएन(आईएम) के आर्म्ड कार्डर के माध्यम से 2023 के चुनाव को प्रभावित करना चाहते हैं? ये पहला सवाल है।
2. ईडी विभाग के बारे में आपको जानकारी है, पता नहीं, आपको असली फुल फॉर्म मालूम है कि नहीं, उसका असली फुल फॉर्म है, इलेक्शऩ डिपार्टमेंट ऑफ दा भारतीय जनता पार्टी, इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट गलती से भी मत सोचिएगा। ये इस्तेमाल होते हैं, सिर्फ चुनाव को मैनेज करने के लिए। तो ईडी, इंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट नहीं है, इलेक्शऩ डिमार्टमेंट है। तो कुछ लोगों को ये गलतफहमी है, तो कुछ लोगों ये गलतफहमी दूर कर लीजिए,प्लीज। सही शब्दों का इस्तेमाल करना बहुत ही जरुरी है। तो बीजेपी के, भारत सरकार के इलेक्शन डिपार्टमेंट रिओ साहब के एसेट के ऊपर जांच कर रहे थे, बंद कर दी। अगर हम आपको नंबर बताएंगे, कि रिओ साहब के पास कितनी संपत्ति है, आप लोगों को लगेगा कि हम सब लोग गलत काम कर रहे हैं। ईडी ने उस जांच को बंद कर दिया। इतना बड़ा अमाउंट ऑफ मनी है, कि बाकी जितना भी रेड हुआ था, बंगाल में वो फीके पड़ जाएंगे, total asset of this gentleman is much more than what was found in Bengal in cash. उस ईडी जांच का क्या हुआ मोदी जी? उस जांच का क्या हुआ अमित शाह जी? उस जांच का क्या हुआ निर्मला सीतारमण जी- कुछ नहीं। भ्रष्टाचार के माध्यम से नागालैंड को खत्म करने वाली बीजेपी और रिओ साहब की सरकार को जवाब देना चाहिए।
3. ये जो एग्रीमेंट हुआ था, ये सार्वजनिक क्यों नहीं कर रहे हैं? ये तो दूसरे देश के साथ भी नहीं है, ये तो अपने देश के बीच में है। पूरे हैडलाइन्स तक, हिस्टोरिक एग्रीमेंट, मोदी डज दैट, किसी को मालूम नहीं कि व्हाट मोदी डिड, मोदी ने किया क्या? उस समय का अखबार, उस समय के टीवी चैनलों में हिस्टोरिक एग्रीमेंट, डीटेल्स कुछ नहीं। आप लोग बताइएगा, हम लोगों को जिस लेवल तक मोदी जी ने लाकर छोड़ दिया कि कोई डीटेल ही नहीं है, तो पहले इसको सार्वजनिक कीजिए, नरेन्द्र मोदी जी।
4. असम के मुख्यमंत्री रिओ जी को, क्योंकि रिओ जी की दूसरी पार्टी है, रिओ जी को बीजेपी के मुख्यमंत्री की कॉन्फ्रेंस में ले गए थे। मैं सिर्फ हिमन्त बिश्व शर्मा जी से पूछना चाहता हूं कि ये जो सीक्रेट मीटिंग अलग-अलग पार्टी से कर रहे हैं, कभी बंगाल की पार्टी से, कभी उस पार्टी से, हाँ, सीरियसली, सीक्रेट मीटिंग जो कर रहे है, हिमन्त बिश्व शर्मा को देश से कोई मतलब नहीं है क्या? इस तरह से देश विरोधी काम क्यों कर रहे हैं? चुनाव के दृष्टिकोण से एकॉर्ड के बारे में कोई बात नहीं हो रही, सिर्फ चुनाव जीतने की बात चल रही है, हिमन्त बिश्व शर्मा से। हिमन्त बिश्व शर्मा, जो एनईडीए के जो कन्वीनर हैं, उनसे मैं पूछना चाहता हूँ कि आप तो वहाँ के कन्वीनर हो, नॉर्थ-ईस्ट के, जो बीजेपी स्टेट रूल्ड पार्टी के, एनडीए के, मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि आप नागा समस्या के समाधान के बारे में कुछ बोलोगे कि आप एनएससीएन(आईएम) की बंदूक के माध्यम से अगला चुनाव जीतना चाहते हो और देश को मालूम होना चाहिए कि जो वर्तमान में जो नागालैंड में जो परिस्थितियाँ हैं, बहुत ही खतरनाक है। It is a state which has border with Myanmar, international border. वहाँ पर आप अगर आर्म्ड ग्रुप के माध्यम से चुनाव जीतने के लिए पूरी तरह से प्रयास कर रहे हो तो आपको क्या नाम दिया जाए, आप ही बताइए, एंटी नेशनल? क्योंकि मेरी समझ में तो एंटी नेशनल काम है ही और बाकी आपके ऊपर है।