अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि दोस्तों, आज हमारे बीच में कांग्रेस के बड़े वरिष्ठ नेता हरियाणा में हमारे विधायक दल के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा मौजूद हैं। वो आपसे कृषि से संबंधित मुद्दों पर बातचीत करेंगे। मैं जानता हूं आपके और कुछ बहुत सवाल होंगे, वो मैं अलग से लूंगा, पर ये प्रेस वार्ता हुड्डा की प्रेस वार्ता है और हुड्डा आपसे मोदी सरकार की जो कृषि संबंधित नीतियां हैं, उन पर बातचीत करेंगे। भूपेंन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि दोस्तों आज खासतौर पर हम आए हैं आपसे बात करने के लिए कृषि के बारे में। आज पूरे देश में कृषि और कृषक (agriculture and farmers) संकट में हैं… जो इस सरकार ने, मौजूदा सरकार ने एक सपना दिखाया था, एक वायदा किया था कि 2022 तक हम कृषि की आमदनी दोगुनी कर देंगे तो आमदनी तो दोगुनी नहीं हुई किसान की, बल्कि कर्जा बढ़ गया। जो 2014…. I’ll be giving you detail कि आज indebtedness कितनी है और एमएसपी भी नहीं मिल रही है… क्या डिस्ट्रेस सेल में किसान को जाना पड़ रहा है, हर एक उसमें… I’ll be talking on each subject… इसमें जो एक फ्लैगशिप प्रोग्राम था प्रधानमंत्री बीमा योजना… it has proven to be utter failure… वो किसान के हक में न होकर जो प्राईवेट कंपनीज हैं, कॉर्पोरेट के लिए एक profit-making धंधा बन गया तो उसको भी मैं बताउंगा, फिर आपका जो मनरेगा है, मनरेगा का भी अलॉटमेंट उन्होंने कम किया है, इसी प्रकार से जो किसान को सबसे मार पड़ती है वो चेंज ऑफ क्लाइमेट से पड़ती है और जैसे अनसीजनल बारिश हुई है… इससे पड़ी है तो चेंज ऑफ क्लाइमेट की आगे भी पड़ेगी तो उसके लिए सरकार को नीति बनानी चाहिए, वो अभी उस तरफ… हम उस डायरेक्शन में नहीं जा रहे हैं… these are the main points.
मैं आपको बताना चाहता था क्योंकि जैसे कृषि जो है… जैसे स्वामीनाथन ने कहा था If agriculture goes wrong, nothing else will have a chance to go right… पं. जवाहर लाल नेहरू ने भी कहा था Everything else can wait, but not agriculture… तो ये आज जो है संकट में है, आप ये देखिए… पहले तो इनकी जो बजट एलोकेशन है उसके बारे में I’ll just go through it कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जो है वो भी 15,500 करोड़ रु. से घटाकर 13,625 करोड़ रु. कर दिया इन्होंने और जो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि थी… it has been also reduced from Rs. 68,000 cr to Rs. 60,000 cr. इसी प्रकार से मनरेगा की सपोर्ट जो है 73,000 करोड़ रु. से घटाकर 60,000 करोड़ रु. कर दी, फूड फर्टिलाइजर एण्ड जो पेट्रोलियम सब्सिडी जो थी वो भी 5.2 लाख करोड़ रु. से घटाकर 3.7 लाख करोड़ रु. लेकर आए हैं इस बजट में, reduction of Rs. 50,000 cr in fertilizer subsidy only, urea subsidy reduced 1.54 lakh crore… in Revised Estimates (2022-23), it is Rs. 1.31 lakh crore आ गई है, इसी प्रकार से फूड सब्सिडी जो है 2.87 लाख करोड़ रु. से 1.97 लाख रु. करोड़ आ गई है.. This will, as you see, bring down overall production… प्रोडक्शन पर फर्क पड़ेगा, फूड प्रोडक्शन पर इसका, food subsidy to FCI brought down to Rs.2.14 lakh crore… in Revised Estimates, it is Rs. 1.37 lakh crore. So, food subsidy under Food Security Act… वो 72,000 करोड़ रु. से 59,793 करोड़ रु. हो गया, मार्केट इंटरवेन्शन एलोकेशन जो थी 1500 करोड़ रु. से it has been reduced to Rs.1 lakh only तो इस प्रकार से जो आशा थी उसकी भी…. और जो एक फ्लैगशिप स्कीम लेकर आए थे 2016 के बजट में, 2017 के बजट में… that is TOP (Tomato, Onion, and Potato)… उनकी प्रोडक्शन के लिए 500 करोड़ रुपया अलॉट भी किया था, इस बजट में कुछ अलॉट नहीं किया और उसकी क्या पोज़ीशन है… वो भी मैं बात बताउंगा… Where is potato, where is tomato, even capsicum… जो विविधीकरण की बात कर रहे थे, जो कहते थे ग्रीन रेवोल्यूशन लेकर आएंगे तो स्थिति में…. I’ll talk about first MSP.जब ये किसानों का एजिटेशन चल रहा था तो उन्हें प्रॉमिस किया था सरकार ने… MSP की लीगल गारण्टी देने के लिए they constituted a committee in July, 2022 और अब तक उसके terms of reference जो हैं, वो बिल्कुल vague हैं और इसका नतीजा ये हो रहा है कि एमएसपी कहीं मिल नहीं रही है, जैसे मस्टर्ड में नहीं मिली। मैं तो हरियाणा की बात करता हूं, हर जगह यही है। सरसों में एमएसपी 5450 रु. है, लेकिन वो घटाकर 4000 – 4500 रुपए तक लोगों को बेचना पड़ा है, इसी प्रकार से गेहूँ का एमएसपी भी नहीं मिल रहा, बल्कि जो एफसीआई की खरीद करते हैं, उन्होंने ‘वैल्यू कट’ स्कीम लगा दी वहां पर… वैल्यू कट करते हैं… भाई अब ये जो अनसीजनल रेन हुई है उसमें कहीं लस्टर लॉस हो गया, किसी की इतनी वैल्यू कट करेगा… लस्टर लॉस इतने परसेंट है, किसी का स्क्वीज़ हो गया दाना तो उस पर वैल्यू कट होगी और टूटा हुआ दाना है, उस पर वैल्यू कट होगी…. इस तरह से किसान को एमएसपी नहीं मिल रही है और उसकी खरीद भी पूरी नहीं हो रही है, लिफ्टिंग भी नहीं हो रही है, डिस्ट्रेस में है किसान पूरी तरह से।
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