अजीत सिन्हा / नई दिल्ली
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी की ओर से ‘प्रदत्तकारी लोकतंत्र: सरकार के मुखिया के रूप में नरेंद्र मोदी के दो दशकों की समीक्षा’ (Delivering Democracy: Reviewing the two decades of Narendra Modi as Head of Government) विषय पर आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन, विजन के क्रियान्वयन और देश के आम जन के जीवन-स्तर को ऊपर उठाने की उनकी नीतियों पर विस्तार से चर्चा की। इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ विनय सहस्रबुद्धे, भाजपा के संगठक वी. सतीश और कई गणमान्य व्यक्तित्व उपस्थित थे। शाह ने रामभाऊ म्हाळगी प्रबोधिनी को साधुवाद देते हुए कहा कि यह प्रयास काफी समयोचित है और इस विषय पर विस्तार से चर्चा बहुत जरूरी है।
शाह ने कहा कि लोग कहते हैं कि मुझसे अच्छा नरेन्द्र मोदी को कौन जानता है लेकिन ये उनका भ्रम है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मुझसे भी अच्छे तरीके से देश की जनता जानती है और यह उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और सिद्धियों से जानती है। जिस भारतवर्ष की परिकल्पना हमारे संविधान निर्माता मनीषियों ने की थी, वह 2014 तक आते-आते धूमिल होती जा रही थी, महात्मा गाँधी की रामराज्य की कल्पना और गरीब कल्याण राज्य की अवधारणा पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी थी और जनता के मन में आशंका घर कर
गई थी कि कहीं बहुपक्षीय लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था विफल तो नहीं हो जायेगी। पर, इस कठिन परिस्थिति में देश की जनता ने बड़े धैर्य का परिचय देते हुए 30 साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पूर्ण बहुमत के साथ देश की बागडोर सौंपा। आजाद भारत में पहली बार किसी गैर-कांग्रेसी पूर्ण बहुमत की सरकार, पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और पहली बार देश में गैर कांग्रेसी विचारधारा की एक स्वतंत्र सरकार का गठन हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिन संघर्षों से जूझते हुए और जन-जन के विकास के विजन को लेकर यहाँ तक पहुंचे हैं,उनकी चर्चा करना अत्यंत आवश्यक है। 2001 में भारतीय जनता पार्टी ने नरेन्द्र भाई मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया। उस समय गुजरात संकटों से जूझ रहा था और विनाशकारी भूकंप से उबरने का प्रयास कर रहा था। जब नरेन्द्र भाई मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने एक-एक करके समस्याओं का विश्लेषण किया और उसका समाधान कर गुजरात को एक विकसित राज्य के रूप में प्रतिष्ठित किया। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो किसी ने भी यह कल्पना नहीं की थी कि वे एक सफल मुख्यमंत्री बनेंगे। मुख्यमंत्री रहते हुए नरेन्द्र मोदी ने जिस तरह पारदर्शी शासन व्यवस्था चलाई और पद्धति नहीं, परिस्थितियों को बदलने वाले रिफॉर्म्स की शुरुआत की और सर्वस्पर्शी एवं सर्व समावेश विकास का शुभारंभ हुआ, उसने न केवल गुजरात के नागरिकों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिली, अर्थचक्र गतिशील हुआ बल्कि बहुत सालों बाद गुजरात में जीरो डेफिसिट बजट भी आया। नरेन्द्र मोदी ने विकास के जिस मॉडल की नींव रखी, उसकी हर नीति के केंद्र में राज्य के गाँव, गरीब, किसान और आदिवासी थे। उनका स्पष्ट मानना रहा है कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचना चाहिए और विकास ऐसा हो जो सबको समाहित करे। 2012 आते-आते विकास के गुजरात मॉडल की अनुगूंज पूरे देश और दुनिया में सुनाई देने लगी। शाह ने कहा कि किसी भी राज्य अथवा देश के विकास में एक बहुत बड़ी बाधा अशिक्षा है। जो व्यक्ति संविधान प्रदत्त अपने अधिकारों को नहीं जानता है या नहीं समझता है, वह देश या समाज के विकास में उतनी सहभागिता नहीं दे सकता, जितनी होनी चाहिए। अनपढ़ व्यक्ति लचर सिस्टम का विक्टिम है। उन्हें शिक्षित करना शासन का दायित्व है। जो इस दायित्व को पूरा नहीं करता, वह इस देश और इस समाज का गुनाहगार है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि जब नरेन्द्र भाई मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने तो गुजरात में ड्रॉप आउट रेशियो लगभग 37% था।
Related posts
0
0
votes
Article Rating
Subscribe
Login
0 Comments
Oldest
Newest
Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments