अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के कुछ इलाके में रविवार देर शाम अचानक जल उठा: प्रदर्शनकारियों छात्र -छात्राओं पर पुलिस ने जिस तरह से बर्बरता की, उसके प्रति देश के छात्र -छात्राओं में काफी गुस्सा हैं और इसकी आग अब देश के कई प्रदेशों में फैलने लगा हैं। जिन नेताओं, मंत्रियों व सरकारों पर इस गुस्सा को शांत करने की जिम्मेदारी हैं,अब वहीँ लोग अपने भाषण के जरिए राजनितिक करने में लगे हैं।
कल सांय हुई हिंसा में तक़रीबन 7-8 बसों को जलाने एंव कई अन्य गाड़ियों में तोड़फोड़,पत्थर बाजी करते हुए का वायरल वीडियो इस खबर में प्रकाशित की गई जो आप जरूर देखिए और जज करें क्या यह सब देश में सही हो रहा हैं,अगर यह सही नहीं हो रहा हैं,तो गलत कौन कर रहा हैं। यह जांच का विषय हैं। फिलहाल सरकार ने आगामी 5 जनवरी 2019 तक जामिया यूनिवर्सिटी व अन्य यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया गया हैं। अब छात्र -छात्राएं अपने बच्चों को अपने घर वापिस बुला लिया हैं और कई छात्राए स्वंय अपने घर जाने लग गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार को इतिहास बदलने की फ़िक्र हैं पर उन्हें आने वाले छात्र -छात्राओं के भविष्य का बिल्कुल फ़िक्र नहीं हैं, ख़ामोशी से दरसअल में कोई फायदा नहीं हो रहा हैं, छात्र -छात्राओं के फरियादों को सुनते तो दिल्ली में रविवार शाम को इतना बड़ा हिंसा नहीं होता, यहीं लोग कहते हैं, आसमान से उड़ने वाले को कभी -कभी जमीनों पर चलना चाहिए। कल की हिंसा ने हर वो माता-पिता की चिंता बढ़ा दी हैं कि अब उनके बच्चों की भविष्य क्या होगा, क्या उनका भविष्य सुरक्षित हैं भी या नहीं। देश में महंगाई चरम पर हैं रोजमर्रा की चीजों महंगाई पर डंग मार रहीं हैं, ऐसे में महंगाई में कम करने पर मंथन करना चाहिए जो आमजनों को राहत मिल सके पर ऐसा होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा पर देश के अलग-अलग प्रदेशों से हिंसा की लगातार खबरें आ रहीं हैं जोकि बिल्कुल गलत हैं और देश हित में नहीं हैं।