अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवाकर को मंडी हाऊस में फिक्की महिला संघ के तत्वावधान में महिला उद्यमियों को संबोधित करने पहुंचे। उन्होंने एक विधानसभा के सर्वे का हवाला देकर बताया कि उस विधानसभा में 90 फीसद महिलाएं आम आदमी पार्टी को पसंद करती हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें महिलाओं के स्पोर्ट की उम्मीद थी लेकिन इतना जबर्दस्त समर्थन मिलने से वह बेहद उत्साहित हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने महिला उद्यमियों से आम आदमी पार्टी को बेहद पसंद करने का कारण पूछा। जिसमें महिलाओं ने मुख्यमंत्री को अलग- अलग कारण बताए। किसी महिला उद्यमी ने बताया कि हम इसलिए आम आदमी पार्टी को प्यार करते हैं कि क्योंंकि आप सबके लिए करते हैं। एक महिला ने कहा कि हम इसलिए आम आदमी पार्टी को प्यार करते हैं कि क्योंकि आप बहुत दिल से बात करते हैं। एक महिला ने बताया कि हम इसलिए आम आदमी पार्टी को बेहद पसंद करते हैं क्योंकि आप आप स्कूल सिस्टम को सुधार रहे हैं। एक महिला ने बताया कि आप बेसिक समस्या को खत्म करते हैं, इसलिए महिलाएं आम आदमी पार्टी को पसंद करती हैं। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी को धन्यवाद दिया। उन्होंने इस दौरान महिलाओं से कहा कि मेरा मानना है कि औरतों को मदद नहीं मौके की जरूरत है। आज हमारा सिस्टम उन्हें मौका नहीं देता। अगर उन्हें बेहतर मौका मिले तो वह चौका लगा देंगी।
हालांकि मुख्यमंत्री ने देश में महिला सुरक्षा पर चिंता जताई। उन्होंने 49 दिन की सरकार का उदाहरण देकर बताया कि अगर 49 दिन में दिल्ली से भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है तो देश में यही पुलिस महिलाओं को सुरक्षा भी दे सकती है, इसके लिए बस सिस्टम को बदलने की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की पुलिस बहुत अच्छी है, बस सिस्टम में गड़बड़ी के कारण महिलाओं को सुरक्षा नहीं मिल रही है। इस दौरान फिक्की महिला संघ की अध्यक्ष हरजींदर कौर ने कहा कि उद्योग और राजनीति में काम नहीं कर सकते तो बाहर हो जाएंगे। अरविंद केजरीवाल जी इसकी मिशाल हैं। हमने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी से संपर्क किया तो वह तत्काल हमारे कार्यक्रम में आने को तैयार हो गाए। एक अखबार में आज सर्वे आया है, जिससे पता चला है कि 88 फीसद से ज्यादा महिलाओं को यह बहुत पसंद आ रहा है। सरकारें बहुत स्कीम निकालती है लेकिन शायद ही कोई स्कीम है, जिसे जनता का इतना समर्थन मिला हो। हमारे विरोधियों ने इसका खूब विरोध किया था। इसे लिंग समानता के खिलाफ बताया गया था। मैं आज भी पूछ रहा हूं क्या हमारे देश में लिंग समानता है। क्या महिलाओं को बराबरी का अवसर मिलता है। दिल्ली में जितना महिलाएं हैं, उसमें सिर्फ 11 फीसद महिलाएं वर्कफोर्स का हिस्सा है। मेट्रो में 33 फीसद ही महिलाएं यात्रा करती हैं। 67 फीसद पुरूष हैं। डीटीसी में 30 फीसद महिलाएं व 70 फीसद पुरूष हैं। क्या हम कह सकते हैं कि महिलाओं को बराबरी का अवसर है। मुझे खुशी है कि जब से फ्री किया है, महिलाओं का एक माह में डीटीसी में 30 से 42 फीसद पहुंच गया है। महिलाओं को अगर अवसर मिले तो महिलाओं का देश की अर्थ व्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान होगा। जब से हमने बस में फ्री यात्रा किया है कई स्टोरी सुनने को मिल रही है। एक लड़की मिली। उसका पिछले साल दक्षिण दिल्ली में दाखिला हो गया। वह उत्तर दिल्ली में रहती है। उसे पढ़ने नहीं दिया गया। अब वह खुश है कि वह दक्षिण दिल्ली में दाखिला लेकर पढ़ सकती है। एक महिला मिली। उनकी दूर नौकरी लग गई। आने-जाने का खर्च बहुत ज्यादा था। उनकी बचत बहुत कम हो रही थी। इस कारण वह नौकरी छोड़ दी। अब वह नौकरी कर सकती है । एक महिला शहादरा में रहती है। उनको हार्ट की परेशानी हैं । GTB अस्पताल जाती थी।
वहां इलाज मुफ्त है। लेकिन वह तीन-चार जगह अस्पताल में जाकर सेकेंड ओपिनियन लेना चाहती थी। अब फ्री राईड के कारण ओपिनियन लिया और इलाज करा रही है। हमें भी अंदाजा नहीं था कि यह स्टेप महिलाओं को इतनी आजादी दिला सकता है। एक महिला ने बताया कि उनकी मोहल्ले की महिलाओं ने दिल्ली के सभी मंदिरों के दर्शन किए। एक बस से एक जगह से दूसरे जगह गई और सभी मंदिर पहुंच गई। बस में ट्रैवल फ्री होने से महिलाओं को कई आजादी मिली। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा आज देश में महिला सुरक्षा की बड़ी चिंता है। कई लोग पूछ रहे कैसे महिलाओं की सुरक्षा होगा, क्या ऐसा सिस्टम होगा। क्या हम सोच सकते थे भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है। जब हमारी 49 दिन की सरकार आई थी, उस 49 दिन के अंदर दिल्ली में भ्रष्टाचार खत्म हुआ था। हमने दिल्ली में भ्रष्टाचार कम नहीं किया, खत्म किया। 49 दिन की सरकार में हमने कहा था कि पैसा मांगे तो मना न करें रिकार्डिंग कर लें। हमने वाट्सएप नंबर दिया था। हमने 32 अधिकारियों को जेल भेज दिया था। सरकारी दफ्तर व चौराहे पर पुलिस भ्रष्टाचार खत्म हो गया था। लोगों ने पैसे लेने बंद कर दिए थें। सबसे बड़ी बात लोगों के हाथ में ताकत बन गई थी। मैं कहना चाहता हूं कि अगर 49 दिन में भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है तो देश में ऐसा सिस्टम खड़ा कर सकते हैं कि महिलाओं को सुरक्षा दी जा सकती है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा बस महिलाओं को कांफिडेंस देना होगा, महिलाओं में भरोसा नहीं है कि पुलिस मदद देगी। तेलंगाना की लेडी डाक्टर स्कूटर छोड़ गई। वहां देखा चार ट्रक वाले खड़े हैं। वह घबराकर पुलिस को नहीं बहन को फोन करती है। यह भरोसा ही नहीं है कि मुसिबत में महिलाएं पुलिस से मदद मांगे। जब कई कहानियां सुनते हैं पुलिस ने कितना ज्याद्दती की। महिलाओं को भगा दिया। केस नहीं दर्ज किया। यह पुलिस सिस्टम अंग्रेजों से आया है। यह सिस्टम ऐसा हो गया है कि वह महिलाओं को भरोसा नहीं देता है कि पुलिस के पास जाने पर मदद मिलेगी। सिस्टम से भरोसा खत्म हो गया है। यह सिर्फ़ एक दिल्ली की नही पूरे देश की समस्या है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा पुलिस व्यवस्था कैसे ठीक हो। क्या पुलिस ठीक हो सकती है। हम सरकार में आए तब भी लोग पूछते थें क्या सरकारी स्कूल व अस्पताल ठीक हो सकता है। 70 साल में इनका बेड़ा गर्त कर दिया था कि देश भर में सरकारी स्कूलों को बर्बाद कर दिया था।
लेकिन पांच साल में जो सरकारी स्कूल ठीक हुआ, उसके लिए अमेरिका या लंदन से टीचर व प्रिंसिपल नहीं लाए। वहीं 55 हजार टीचर हैं, वही प्रिंसिपल हैं क्या बदला राजनीति बदली। सिस्टम बदला। माहौल व मैसेज बदला। हमने कहा अच्छा काम करने पर शाबाशी देंगे, गलत करने पर सजा। आज हालात यह है कि दिल्ली के सरकारी स्कूल की चर्चा विदेशों में हो रही है। हमारी सरकार से पहले दिल्ली के सरकारी अस्पताल कोई नहीं जाता। उन्हीं डाक्टर से अस्पताल व टीचर से स्कूल बदल सकता है तो इन्हीं पुलिस वालों से पुलिस सिस्टम क्यों नहीं बदल सकता है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा हमारे पुलिस वाले बहुत अच्छे हैं। पुलिस फोर्स अच्छी है। अगर पुलिस को सिस्टम को कहा जाए सुरक्षा दो, राजनीति नहीं चलेगी तो देंगे। वह आत्म विश्वास लाना होगा। अगर 49 दिन में दिल्ली में भ्रष्टाचार खत्म हो सकता है तो उन्हीं पुलिस वालों से देश की महिलाओं को सुरक्षा दी जा सकती है, बस सिस्टम सुधारने की जरूरत है। आज विदेश के कई लोग मोहल्ला क्लीनिक देखने आए। मेरा मकसद है कि दिल्ली देश की राजनीति है, इसकी पहचार रेप कैपिटल की नहीं होनी चाहिए। इससे दिल्ली की इमेज खराब हो रही। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा महिला सुरक्षा के लिए दिल्ली सरकार ने अपने स्तर पर बहुत काम किए। हमने सभी 5 हजार बसों में मार्शल नियुक्त किए। 13 हजार मार्शल नियुक्त किया। सारे मार्शल से मिला, मैंने कहा दिल्ली के बहनों की सुरक्षा आपकी जिम्मेदारी है। मैंने कहा तुम्हारी समस्या मेरी है। इसका असर देखिए। एक बदमाश आठ साल की बच्ची को अपहरण कर ले जा रहा था। मार्शल अरूण को शक हुआ। उसने पूछा। जिसमें पता चला कि बच्ची को अगवा कर लिया था। बच्ची बच गई। बच्ची को घर वालों से मिलवाया गया और बदमाश पकड़ा गया। यही नहीं बड़ी संख्या में महिलाएं मार्शल बनी है । गीता देवी मार्शल है। उसके सामने एक बदमाश ने जेब काटा। वह डरी नहीं। बस का गेट चालक से बंद कर दिया। बस पुलिस स्टेशन ले गए। बदमाश को पकड़वाया। अगर महिलाएं ठान ले तो कुछ भी हो सकता है। एक बस में 7-8 लड़के चढ़ गए। मार्शल फिर से बस को पुलिस स्टेशन ले गए। सभी बदमाशों को पकड़ा गया। मुझे किसी ने कहा था कि महिला मार्शल लड़ पाएंगी। मैंने यह कहानियां उस आदमी को बताया। हिम्मत दिल में होनी चाहिए। महिलाएं ठान ले तो कुछ भी कर सकती हैं। दिल्ली सरकार ने पूरी दिल्ली में 3 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवा रही है, दुनिया में यह पहला शहर है।
1.25 लाख लग गए। और लग रहे हैं । जरूरत पड़ी तो और लगाएंगे। जिससे पूरी दिल्ली सुरक्षित हो सके। एक लड़की को अपहरण कर ले जा रहे थें। सीसीटीवी में वह घटना हर जगह दिखी। बदमाश पकड़ा गया लड़की बच गई। सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लग जाएगा तो बदमाश डर जाएंगे। वह अपराध करने से पहले सोचेंगे कि उनपर सीसीटीवी की नजर है। इससे अपराध में कमी आएगी। सीसीटीवी में सब रिकार्ड हो जाएगा तो कोई ले-देकर भी नहीं छूटेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा मैं एक स्कूल में गया था, एक बच्ची ने बताया कि मेरा भाई है। भाई को निजी स्कूल में भेजते हैं। मुझे सरकारी भेजते हैं, मेरे अंदर हिन भावना थी। आपने सरकारी सिस्टम को ठीक कर मुझे गर्व महसूस कराया। मैं अब भाई की आंख में आंख मिलाकर बात करती हूं। सम्मान व गर्व मिल रहा है। मेरे स्कूल में स्वीमिंग पूल है। नंबर मेरे बेहतर आ रहे हैं। अब स्कूल में बराबरी का सम्मान मिल रहा है। यह सब लड़कियों की कहनी है। दिल्ली की सरकारी स्कूल में 60 फीसद लड़कियां आती हैं। अब हमने लड़कियों को बेहतर शिक्षा दे रहे हैं। अब उन बच्चियों में आत्म विश्वास है। अभी हमने मुख्य न्यायाधीश, उप राज्यपाल, सीएम व अधिकारी को पांच हजार बच्चों के सामने बुलाए थें। हमने सवाल पूछे बच्चियों ने जवाब दिया। दिल्ली की लड़कियां आत्म विश्वास से बोल रही थीं। मैं तो सातवीं में पांच हजार लोगों के सामने बोल नहीं पाता। अब दिल्ली के सरकारी स्कूल की बच्चियों में आत्म विश्वास है क्या पता इनमें ही कोई दिल्ली की सीएम व देश की पीएम तैयार हो रही हो। मैं अब भी यही कह रहा हूं औरतों को मदद नहीं मौके की जरूरत है। आज हमारा सिस्टम उन्हें मौका नहीं देता। वह चौका लगा देंगी। आने वाला समय पुरूष प्रधान नहीं महिला प्रधान होने वाला है।