अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बीते 19 दिसंबर 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट में 5 मामलों क्रमांक 8 से 12 पर सुनवाई होनी थी। 8 नं का मामला कॉलोनी के निवासी एक एडवोकेट के विरुद्ध कोर्ट की अवमानना से सम्बंधित था। उसके बाद ग्रीन फील्ड कॉलोनी के विकास एवं कॉलोनी को नगर निगम के अंतर्गत लाने के ग्रीन फील्ड रेसिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी एवं ग्रीन फील्ड प्लाट होल्डर्स एसोसिएशन के केस तथा शेयर होल्डर द्वारा कॉलोनी का प्रबंधन लेने के केस पर विस्तार से चर्चा हुई। अवमानना के मामले का कॉलोनी के विकास के मामले से कोई संबंध नहीं था,उसकी सुनवाई आगे किसी दिन होगी। ग्रीन फील्ड रेसिडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी की ओर से कहा गया कि कॉलोनी बहुत ही दयनीय स्थिति में है और अदालत को बताया गया कि कंपनी के द्वारा पिछले 70 वर्षों से इस संबंध में कुछ नहीं किया गया। केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले बोर्ड और उनके निदेशकों ने भी, जो पिछले लगभग 45 वर्षों से कंपनी का प्रबंधन कर रहे हैं, ने भी समुचित विकास कार्य नहीं किया, इस कारण कॉलोनी की जनता त्रासदी भुगत रही है।
एसोसिएशन ने जोर दिया कि कॉलोनी को नगर निगम के अंतर्गत जल्द से जल्द लाया जाए और नगर निगम द्वारा कंपनी की बची हुई संपत्ति / प्लाटो को बेचकर प्राप्त धन द्वारा इसका विकास किया जाए। यधपि शेयर होल्डरों के वकील जिनका मामला क्रमांक 12 पर था, ने काफी प्रयास किया कि वर्तमान बोर्ड को हटा कर कॉलोनी का मालिकाना हक उनको दिया जाए। कोर्ट ने बोर्ड बदलने के संबंध में अभी कोई निर्देश नहीं दिया, यधपि केंद्र सरकार की ओर से कुछ नाम प्रस्तावित किए गए थे। कोर्ट ने साफ तौर से कह दिया कि वह पहले कॉलोनी के निवासियों की भलाई के लिए ग्रीन फील्ड रेसिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सर्वप्रथम ध्यान देंगे। इस संबंध में सरकार के वकील ने भी कोर्ट को बताया कि यह एसोसिएशन इस मामले को लेकर प्रदेश के उच्चतम स्तर तक मिलकर प्रयास कर चुकी है। अदालत ने शेयर होल्डर के वकील को निर्देश दिया कि वह एफिडेविट द्वारा बताएं कि कॉलोनी के विकास के लिए उनकी विस्तृत योजना क्या है और उसके लिए वांछित लग्भग रु 125 करोड़ का धन कैसे जुटाएंगे और उसका सोर्स क्या होगा, लोन लेकर बैंक में एस्क्रो एकाउंट खोलकर नगर निगम को देंगे जो नगर निगम द्वारा केवल कॉलोनी के विकास में ही प्रयोग किया जाएगा। जोकि उनके द्वारा समयबद्ध तरीके से किया जाएगा। अदालत को बताया गया कि पहले भी शेयर होल्डर पैसा लेकर जनता को भगवान भरोसे छोड़कर विदेश चले गए थे, अभी भी यह लोग विदेश में ही रह रहे हैं। अतः इन पर विश्वास नही किया जा सकता। सरकार द्वारा ही विकास करने का एसोसिएशन ने समर्थन किया,सरकार/नगर निगम की ओर से कहा गया कि यदि उनके कमिश्नर द्वारा 11.11.2022 में अदालत में दिए गए एफिडेविट के अनुसार समुचित राशि उन को उपलब्ध कराई जाएगी तो वह इस कार्य को करने के लिए तैयार हैं। अदालत ने शेयर होल्डर के वकील को 2 सप्ताह में पूरी योजना अदालत में देने के लिए निर्देश दिया और उसकी प्रति सभी संबंधित पार्टियों को भी देने के लिए निर्देश दिए। अंत में यह भी कहा कि अभी चर्चा अधूरी है निर्धारित कागज़ात मिलने के बाद मामलों पर विचार किया जाएगा।
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