अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
सिरसा:.पुलिस कप्तान डॉ.अर्पित जैन ने आज हिंदी दिवस पर जिला वासियों तथा सभी पुलिसकर्मियों को बधाई देते हुए ज्यादा से ज्यादा हिंदी भाषा की पुस्तकें पढ़ने तथा अपने कार्य में हिंदी भाषा को अपनाने का आह्वान करते हुए कहा कि हिंदी हमारे देश की पहचान है। उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं का देश है, जहां कई भाषाएं और लिपि बोली और पढ़ी जाती हैं फिर भी अनेकता में एकता है । पुलिस कप्तान ने कहा कि देश में अधिकतर लोगों की मातृभाषा हिंदी ही है । उन्होंने कहा कि देश के सभी सरकारी कार्यालयों में हिंदी का ही उपयोग होता है,
इसलिए हिंदी के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने और इसके चलन को बढ़ाने के लिए सरकारी दस्तावेज आज भी हिंदी में ही तैयार किए जाते हैं । हिंदी के इसी उपयोगिता को लेकर हर साल 14 सितंबर को भारतवासी हिंदी दिवस के रुप में मनाते हैं। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस दिन को मनाने की शुरुआत 1953 से हुई थी । अंग्रेजी के चलन के कारण आजकल बच्चों से लेकर बड़े तक लगभग अंग्रेजी में ही बात करना पसंद करते हैं लेकिन हमें अपने देश की भाषा और हिंदी का ज्ञान जरूर होना चाहिए । उन्होंने कहा है कि हिंदी भाषा से हमें संस्कार व मानवीय संवेदनाओं के प्रति शिक्षा मिलती है । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हिंदी दिवस का सही मायने में सम्मान तभी है, जब हम सब हिंदी साहित्य को पढ़े-लिखे और सुने तथा हिंदी भाषा के व्यापक प्रचार-प्रसार में अपनी अग्रणी भूमिका अदा करें ।
उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए सिरसा पुलिस हर सप्ताह जिले के सभी पुलिस कर्मियों को हिंदी भाषा में रचित कहानी,कविताएं व अन्य रचनाएं पढ़ने व सुनने के लिए प्रेरित करेगी । पुलिस अधीक्षक डॉ.अर्पित जैन ने कहा कि हमारे धार्मिक ग्रंथ रामायण तथा महाभारत आदि का हिंदी भाषा में बहुत ही सुंदर तरीके से वर्णन किया गया है । उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस पर हम सभी का यह कर्तव्य है कि हिंदी भाषा को अपनाने व इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी सुनिश्चित कर प्रत्येक भारतीय नागरिक को प्रेरित किया जाए । यहां यह बता दें कि पुलिस अधीक्षक डॉ.अर्पित जैन स्वयं हिन्दी भाषा के एक अच्छे लेखक है और कई राष्ट्रीय अखबारों में उनके हिंदी भाषा के लेख प्रकाशित भी हो चुके हैं । पुलिस अधीक्षक ने कहा कि समय-समय पर सिरसा पुलिस हिंदी के साहित्यकारों को आमंत्रित भी करेगी और पुलिसकर्मियों को हिन्दी साहित्य के ज्ञान को बढ़ाने की प्रेरणा देती रहेगी । उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा के ज्ञान व अध्ययन से मानव की संवेदनशीलता के साथ-साथ रचनात्मकता भी बढ़ाती है । पुलिस अधीक्षक डॉ.अर्पित जैन ने कहा कि पुलिस जितनी संवेदनशील होगी,समाज उतना ही सशक्त होगा । उन्होंने कहा की बच्चों को हिंदी बोलना और पढ़ना आना ही चाहिए। ऐसे में हिंदी को जन-जन तक पहुंचाने और हिंदी के प्रचार प्रसार के लिए अपने दोस्तों, प्रियजनों को हिंदी दिवस के शुभकामना संदेश व्हाट्सएप और फेसबुक के जरिए भेजने चाहिए ।
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