अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
चंडीगढ़: हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड (एचएसआईआईडीसी) के निदेशक मण्डल ने गैर-निष्पादन परिसम्पत्तियां पोर्टफोलियो (एनपीए) को कम करने के उद्देश्य से निगम ने संदेहपूर्ण तथा हानि खातों के लिए एकमुश्त निपटान योजना को स्वीकृति प्रदान की है। एकमुश्त निपटान की इस योजना को लागू करने का निर्णय मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की अध्यक्षता में हुई एचएसआईआईडीसी के निदेशक मण्डल की 358वीं बैठक में लिया गया।
खुल्लर ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना क्रॉनिक नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (डाउटफुल लोन अकाउंट्स एंड लॉस अकाउंट) के लिए है और यह 31 मार्च 2020 तक लागू रहेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस योजना से इस अवधि के दौरान 60 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली होगी। बोर्ड ने भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा निर्देशानुसार, वित्तीय परिसम्पत्तियों का प्रतिभूतिकरण तथा पुनर्निर्माण और प्रतिभूति ब्याज प्रवर्तन अधिनियम,2002 के तहत बनाई गई प्रतिभूतिकरण कंपनियों (एससी)/पुनर्निर्माण कंपनियों (आरसी) के माध्यम से एनपीए के डिफॉल्ट्स के निपटान के लिए एक नीति तैयार करने के लिए एक उप-समिति का भी गठन किया है।
इस नीति से एचएसआईआईडीसी को परिसम्पत्तियां पुनर्निर्माण कम्पनियों (एआरसी) के माध्यम से क्रॉनिक मामलों के डिफॉल्ट्स की वसूली की संभावना का पता लगाने में मदद मिलेगी। बोर्ड द्वारा इस बैठक में एचएसआईआईडीसी से सम्बन्धित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी निर्णय लिए गये। बोर्ड द्वारा अपने कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए एक विभागीय परीक्षा भी शुरू की गई है। कर्मचारियों को विदेशी निवेश परिचर्चाओं में भागीदारी करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए कोरियाई, जापानी, जर्मन जैसी विदेशी भाषाओं का ज्ञान अनिवार्य किया गया है। बोर्ड द्वारा हरियाणा सरकार के नवीनतम निर्देशों के अनुसार अपने कर्मचारियों के लिए आवास किराये भत्ते को भी स्वीकृति प्रदान की गई।