अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरीदाबाद नगर निगम ने खोरी गांव में बसे हुए 10000 परिवारों को बिना किसी पुनर्वास की योजना के धड़ल्ले से स्थापित कर दिया किंतु आज इन विस्थापित मजदूर परिवारों को पुनर्वासित करने में नगर निगम फरीदाबाद पिछले दो माह से पालमपुर कर रहा है ऐसा लगता है, फरीदाबाद प्रशासन, नगर निगम फरीदाबाद एवं हरियाणा सरकार विस्थापित हुए मजदूर परिवारों को पुनर्वास प्रदान करना नहीं चाहती है।
विस्थापित हुए मजदूर परिवारों की झोली में जो खंडहर के रूप में आवास दिया जा रहा है उसकी राशि भी मजदूरों के पास नहीं है और ना ही मजदूर किराए के लिए कहीं से किराया जुटा पा रहा है ऐसी स्थिति में मजदूरों से लगभग ₹400000 की राशि वसूल करना कितना मुनासिब होगा। आज खोरी गांव में रहने वाले और मलबे के ढेर पर अपनी जिंदगी पिछले 2 माह से धक्का दे देकर चलाने वाले मजदूर परिवार अपने आवेदन एवं मौजूदा दस्तावेजों के साथ नगर निगम कार्यालय फरीदाबाद पहुंचे जहां मजदूरों ने प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में मजदूर लगभग ढाई हजार से ज्यादा आवेदन पत्र अपने सिर पर ढो कर नगर निगम प्रशासन से पुनर्वास की गुहार लगा रहे हैं। क्योंकि नगर निगम मजदूर परिवारों से आवेदन पत्र नहीं ले रहा है और न ही उन्हें आवेदन पत्र प्राप्त करने के संबंध में किसी प्रकार की रसीद दे रहा है इस वजह से समस्त खोरी निवासी नगर निगम के बाहर धरने पर बैठे हैं। मजदूर आवाज संघर्ष समिति खोरी गांव की ओर से आज एक ज्ञापन नगर निगम कमिश्नर कार्यालय को दिया गया एवं साथ ही विस्थापित हुए परिवारों के पुनर्वास के लिए आवेदन पत्र नगर निगम कार्यालय को जमा करवाए गए।
ज्ञापन पत्र में लिखित मांगे :
1. खोरी से बेदखल हुए मजदूर परिवारों को उचित पुनर्वास मिले।
2. मजदूर परिवारों के पास यदि खोरी गांव का कोई भी आईडी प्रूफ और रेजिडेंस प्रूफ है उसके आधार पर उसको घर दे दिया जाए।
3. आवास का आवंटन बिना किसी शुल्क और फीस के होना चाहिए।
4. जिन मजदूर साथियों के परिवारों ने आवेदन प्रस्तुत नहीं किया है उन मजदूर परिवारों के आवेदन मजदूर आवास संघर्ष समिति खोरी गांव की ओर से प्रस्तुत किए जा रहे हैं जिन्हें नगर निगम स्वीकार करें।
5. खोरी से बेदखल हुए परिवारों को प्रतिमाह ₹2000 किराए के रूप में देने की घोषणा की गई जो केवल कागजों में ही धरी रह गई इसलिए तत्काल यह राशि समस्त बेदखल परिवारों को लौटाई जाए।
6. जब तक फार्म हाउस एवं अन्य होटलो को नहीं हटाया जाएगा तब तक मजदूर परिवार भी खोरी में रहेंगे।
7. जिन मजदूर परिवारों के पास खोरी गांव में रहने के बावजूद भी दिल्ली की आईडी है उन्हें भी आवास प्रदान किया जाए।
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