अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
फरीदाबाद: बिन तेरे सनम, मर मिटेंगे हम आ मेरी जिंदगी…सात समुंदर पार मैं तेरे पीछे-पीछे आ गई..संदली संदली नैना विच तेरा नाम जैसे मधुर गीतों से सूरजकुंड की चौपाल ने पर्यटकों का भरपूर मनोरंजन किया। शमां था हर रोज होने वाले शाम के कल्चर प्रोग्राम का और मंच पर माइक थामे थी खूबसूरत गायिका आकांक्षा सैनी। आकांक्षा ने अपनी मीठी आवाज में हिंदी फिल्मी गीतों की झड़ी लगाई तो श्रोता साज और आवाज पर झूम उठे।
शाम की शुभ शुरूआत की हरियाणा पर्यटन निगम के महानिदेशक राजीव रंजन ने। उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायधीश बी.बी. प्रसून व वरिष्ठ अधिवक्ता बलदेव ङ्क्षसह डांडीवाल के साथ दीप प्रज्जवलित किया। उसके बाद मंच जैसे ही आकांक्षा सैनी ने संभाला तो चौपाल को श्रोताओंं से भरने में पांच मिनट भी नहीं लगे। डूबी-डूबी बांबा रा..मुंह को घुमा के बोल सीटी बजा के बोल ओ बाबू आल इज वैल..तुम से अच्छा कौन है दिल जिगर है जान लो आदि नए-पुराने गीतों पर श्रोताओं के पांव भी ताल के साथ ताल दे रहे थे।
देर शाम को आठ बजे तक आकांक्षा ने चौपाल में बैठे सैंकड़ों श्रोताओं को अपनी आवाज से गीत-संगीत की दुनिया में डुबाए रखा। इस अवसर पर पर्यटन विभाग के वरिष्ठï अधिकारी राजेश जून, विवेक भारद्वाज, उद्घोषक जैनेंद्र ङ्क्षसह, अनिल सचदेवा इत्यादि उपस्थित रहे।