अरविन्द उत्तम की रिपोर्ट
नोएडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को इंडियन एक्सपो मार्ट में विश्व डेयरी समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार देश की महिलाएं हैं। भारत के डेयरी कोऑपरेटिव में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर- देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।साल , 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढ़ कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है। बीते आठ वर्षों में इसमें करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत दूसरी बार विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। 1974 में भी देश ने विश्व डेयरी कांग्रेस की मेजबानी की थी, तब डेयरी में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य तय किया था।
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। डेयरी सेक्टर की क्षमता न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि ये दुनियाभर में करोड़ों लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन भी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। ये डेयरी कोऑपरेटिव देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं।
समारोह में केंद्रीय मछली पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि 1974 में अपने देश में विश्व डेयरी समिट हुआ था, तब हमारा दूध का प्रोडक्शन तीन मिलियन लीटर था और आज हम जब हम इस समिट का आयोजन कर रहे हैं तब हमारा उत्पादन 220 मिलियन लीटर है। यानि बीते 48 साल में दूध के उत्पादन में 10 गुना वृद्धि हुई है। मौजूदा समय में हम दूध के उत्पादन में पूरी तरह आत्मनिर्भर हैं। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के बारे में कहा कि जल्द ही गोबर धन योजना को और सफल बनाने के प्रयास किए जाएंगे। यह योजना गोबर के जरिए धन अर्जित करने की दिशा में हमें नई राह देगी। विश्व डेयरी समिट 12 से 15 सितंबर तक चलेगा इसमें 46 देशों के करीब 1433 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। साथ ही, 800 से अधिक डेयरी किसान शिरकत करेंगे। पोषण एवं आजीविका के लिए डेयरी उद्योग पर 24 सत्र होंगे। इसमें 91 विदेशी और 65 भारतीय विशेषज्ञ विश्व भर में नवाचार व डेयरी उद्योग को विकसित करने पर विचार रखेंगे। इसके अलावा तीन तकनीकी सत्र भी होंगे। सम्मेलन के लिए 11 हॉल तैयार किए गए हैं। इनमें से तीन में प्रदर्शनी लगेगी। प्रदर्शनी में डेयरी उद्योग में इस्तेमाल होने वाली तकनीक पेश की जाएगी। सभी हाॅल को भारतीय गाय और भैंस की प्रजातियों के नाम पर रखा गया है। प्रधानमंत्री जिस हाल में सम्मेलन को संबोधित करेंगे, उसका नाम गुजरात की प्रसिद्ध गिर गाय के नाम पर रखा गया है।
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