आज पूरी दुनिया अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है और महिलाओं के हौसले को सलाम कर रही है. आपको हम हिंदुस्तान की एक ऐसी महिला शक्ति के बारे में बताएंगे, जिस पर पूरे हिंदुस्तान को नाज है. सीआरपीएफ की 73वीं बटालियन, जिसमें हर अफसर से लेकर जवान तक हर मोर्चे पर सिर्फ महिलाएं ही हैं.सधे हुए कदम, अनुशासन और कड़ी मेहनत, दुश्मन पर पैनी नजर, हाथों में बंदूक, निशाना सटीक और माथे पर बिंदी. सलाम कीजिए हिंदुस्तान की महिला शक्ति को जो अपना घर परिवार छोड़कर जम्मू कश्मीर में सरहद की खाक छान रही है, ताकि आप और आपका परिवार आतंक से महफूज रह सके.
किसी की बेटी, किसी की मां, किसी की पत्नी, किसी की बहन. बंदूक उठाने वाली इन महिलाओं की भी अपनी अपनी जिंदगी है अपना अपना परिवार है लेकिन पहचान सिर्फ एक, देशभक्ति देशसेवा.14 फरवरी को पुलवामा के जिस आत्मघाती आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया ,उसे स्वाति गौर ने बेहद करीब से देखा था.स्वाति खुद सीआरपीएफ के काफिले में थी.स्वाति कहती है कि हमले ने झकझोर दिया लेकिन आतंक से लड़ने का उनका हौसला और भी मजबूत हुआ है.एनकाउंटर के दौरान पत्थरबाजों से निपटना हो, पेट्रोलिंग ड्यूटी हो या सर्च ऑपरेशन देश, CRPF की ये जांबांज हर मोर्चे पर तैनात हैं. परिवार से दूर कड़ी चुनौतियों के बीच ये सब एक दूसरे का परिवार हैं.
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