अजीत सिन्हा की रिपोर्ट
पंचकूला: पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि आज पुलिस लाईन पंचकूला में साइबर से जुड़े मामलों में उचित व तकनीकी माध्यम से जांच करने हेतु पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को अपग्रेड करनें हेतु वर्कशाप आयोजित की गई । पुलिस कमिश्नर डॉ. हनीफ कुरैशी नें वर्कशॉप अनिल मलिक, आईएएस एसीएस, आईटी डिपार्टमेंट चंडीगढ़ , न्यायाधीश रिटायर्ड दर्शन सिंह चेयरमैन आफ हरियाणा बैकवर्ड क्लास कमीशन, गुरचरण सिंह (सीडीटीआई चण्डीगढ) , गौरववीर ( एसएसओ) सीएफएल पंचकूला तथा अमित दहिया ह.पु.से. सहायक पुलिस अधीक्षक स्टेट क्राईम ब्रांच मधुबन (हरियाणा) व उनकी टीम का स्वागत करते हुए वर्कशॉप की शुरुआत की गई ।
वर्कशॉप के दौरान साइबर एक्सपर्ट एसएसओ गौरव वीर सिंह ने साइबर से संबंधित जानकारी देते हुए बताया कि देश-दुनिया जैसे-जैसे रोजाना के कामों के लिए ऑनलाइन माध्यम अपना रही है, वैसे वैसे साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है भारत में भी पैसों के ऑनलाइन पेमेंट से लेकर अन्य कामों में लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं ऐसे में सरकार द्वारा भी साइबर से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण तथा साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हेतु पुलिस जांच प्रक्रिया को मजबूत करके अपराधियों के खिलाफ भी कडी कार्रवाई की जा रही है क्योंकि केंद्र सरकार नें लोगों को साइबर अपराध से बचने हेतु नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल की शुरुआत की हुई है क्योंकि अगर किसी व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार से साइबर क्राईम घटित हो जाता है तो वह तुरन्त 1930 नम्बर पर अपनी पुरी जानकारी तथा आनलाईन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज करवायें । क्योकि अगर आप से किसी प्रकार की पैसो बारे ठगी हो जाती है तो वह इस पोर्टल में जानकारी पहुंचते हुए तुरन्त पैसा हॉल्ड पर लग जाता है और किसी प्रक्रिया के बाद वह पैसा वापिस आ जाता है ।
इसके अलावा वर्कशॉप में गुरचरण सिंह (सीडीटीआई चंडीगढ़) में इंटरनेट मीडिया, साइबर फाइनेंशियल फ्रॉड, हैकिंग, साइबर फोरेंसिक, सीडीआर व आईपीडीआर एनालिसिस संबंधी तकनीकीयो बारें अनुसंधान हेतु प्रशिक्षित किया गया । और कहा कि हमें साइबर अपराधियो से एक कदम आगे चलना होगा तभी साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसा जा सकता है । इसके अलावा साइबर संबंधी अपराध के प्रकार व इनके अनुसंधान के संबंध में विषयवार फाइनेंशियल फ्रॉड, यूपीआई के माध्यम से किए जाने वाले फ्रॉड, लिंक भेजकर किए जाने वाले फ्रॉड, इंटरनेट मीडिया संबंधित अपराध व फ्रॉड, वेबसाइट/ईमेल हैकिंग, साइबर फोरेंसिक, प्राप्त तकनीकी साक्ष्य का विश्लेषण कर अनुसंधान में इनकी उपयोगिता के संबंध में जानकारी दी गई ।इसके अलावा वर्कशाप में अमित दहिया सहायक पुलिस अधीक्षक स्टेट क्राईम ब्रांच मधुबन (हरियाणा) नें पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की साइबर हेतु जानकारी देते हुए बताया साइबर से जुड़े मामले में हमें साइबर के प्रति खुद को अपडेट करने की जरूरत है क्योंकि साइबर से जुड़े मामलों ज्यादातर मामलों की जांच कुछ वेबसाइट के माध्यम से प्राप्त कर सकते है और साइबर अपराधियो की तह तक पहुँच पर उन पर कार्रवाई कर सकते है इसके अलावा सहायक पुलिस अधीक्षक ने कुछ महत्वपूर्ण साइबर अपराधों में कार्रवाई व जांच हेतु टिपस जानकारी उपलब्ध करवाई गई ।इसके साथ पुलिस कमिश्नर नें कहा कि इस प्रकार की साइबर क्राईम इन्वेस्टिगेशन से पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने अनुसंधान में काफी फायदा पहुंचेगा । जिस से वह अपनी जांच में तकनीकी की सहायता से कार्य करके साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्य कर सकेगी । इसके अलावा पुलिस कमिश्नर नें कहा कि साइबर अपराधो से बचने हेतु साइबर पीड़ितों की सहायता व न्याय हेतु सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क खुले हुए है इसके अलावा जिला पंचकूला में साइबर पुलिस थाना भी खुलने जा रहा है जिससे साइबर पीड़ितों को जल्द न्याय मिलेगा और साइबर अपराधो पर नियंत्रण पाया जाएगा इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर नें आमजन से अपील करते हुए सन्देश दिया कि साइबर अपराध घटित पर तुरंत साइबर आनलाईन पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर या 1930 पर तुरंत सूचना दें क्योकि इससे आपके खाते से गया पैसा तुरन्त रुक जाएगा और जल्द कुछ प्रक्रिया के बाद पैसा वापिस आ सकेगा ।इस वर्कशॉप के दौरान सहायक पुलिस आयुक्त विजय कुमार नैहरा, नोडल अधिकारी (साइबर हेल्प डेस्क), सहायक नोडल अधिकारी (साइबर हेल्प डेस्क), थाना साइबर पुलिस स्टेशन मोहिन्द्र सिंह तथा साइबर पुलिस स्टेशन के सभी अनुसंधानकर्ता व अन्य पुलिस थाना में तैनात उप.निरीक्षक, सहायक उप निरीक्षक तथा साइबर सेल पंचकूला की टीम मौजूद रही ।
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